Devkali Mandir news: राम के जन्म से संबंधित बड़ी देवकाली मंदिर अयोध्या में बना आकर्षण का नया केंद्र

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 29 Jan, 2024 08:27 AM

devkali mandir news

नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां बड़ी देवकाली मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। बड़ी देवकाली मंदिर, भगवान राम की कुलदेवी को समर्पित है।

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अयोध्या (प.स.): नवनिर्मित भव्य राम मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद यहां बड़ी देवकाली मंदिर श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बन गया है। बड़ी देवकाली मंदिर, भगवान राम की कुलदेवी को समर्पित है। मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के बाद उनकी मां कौशल्या अपने पूरे परिवार के साथ इस मंदिर में आई थीं। मौजूदा ढांचा कई दशक पुराना है और मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा, राम नवमी और नवरात्र पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुटती थी लेकिन हनुमान गढ़ी मंदिर की तरह यह श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय नहीं था। 

बड़ी देवकाली मंदिर के मुख्य पुजारी सुनिल पाठक ने बताया, ‘‘प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है। पहले बड़ी देवकाली मंदिर में रोजाना औसतन 50-60 श्रद्धालु आते थे लेकिन नौ नवंबर, 2019 को उच्चतम न्यायालय द्वारा राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किए जाने के बाद यह संख्या रोजाना 500 तक पहुंच गई।'

‘उन्होंने कहा प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई है। बढ़ती भीड़ को संभालने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं।  मंदिर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पाठक ने बताया, बड़ी देवकाली मंदिर में 3 देवियों-महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संयुक्त विग्रह स्थापित है। देवी, भगवान राम के पूर्वज राजा रघु के सपने में प्रकट हुई और युद्ध में विजयी होने के लिए उन्हें एक ‘यज्ञ' अनुष्ठान करने का निर्देश दिया।

राजा रघु ने ‘यज्ञ' किया और युद्ध में विजयी हुए। फिर उन्होंने बड़ी देवकाली' के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा कराई।'' मान्यता है कि भगवान राम के जन्म के बाद उनकी मां कौशल्या अपने पूरे परिवार के साथ मंदिर में आई थीं। अयोध्या स्थित हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने  बताया,‘‘बड़ी देवकाली मंदिर का महत्व यह है कि इसकी स्थापना भगवान राम से पहले की गई थी। वह भगवान राम की ‘कुल देवी' हैं। देवी माता की पूजा के बिना कोई भी काम संभव नहीं है।'' 

गोंडा जिले के निवासी मिट्ठू लाल ने कहा, ‘‘जब भी मैं अयोध्या आता हूं, मैं इस मंदिर के दर्शन करने की पूरी कोशिश करता हूं। इससे मुझे आंतरिक शांति मिलती है। इससे मुझे जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है।

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