भगवान पर भरोसा रखें पर अंधविश्वास में न पड़ें

Edited By Jyoti,Updated: 10 Nov, 2022 05:50 PM

do believe in god

उसका नाम था दिवेश था लेकिन सभी उसे देवु ही कहते थे। उम्र होगी 12 साल की। शरीर दुबला-पतला, आठवीं कक्षा में पढ़ता लेकिन शरारती बहुत था। इतना शरारती कि बच्चों को डराने के लिए कई बार मेंढक उठाकर ले आता था और बच्चों की जेब में डाल देता था। कई बार कबूतर

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
उसका नाम था दिवेश था लेकिन सभी उसे देवु ही कहते थे। उम्र होगी 12 साल की। शरीर दुबला-पतला, आठवीं कक्षा में पढ़ता लेकिन शरारती बहुत था। इतना शरारती कि बच्चों को डराने के लिए कई बार मेंढक उठाकर ले आता था और बच्चों की जेब में डाल देता था। कई बार कबूतर पकड़ कर ले आता और उसे क्लास में मेज के ऊपर छोड़ देता था। कई बार चलते-चलते कुत्ते की पूंछ पकड़ लेता था। एक बार तो कुत्तों ने उसे काट भी लिया था। उसके टीके भी लगे थे। एक बार उसने काक्रोच पकड़कर क्लास में सो रहे गुरु जी के कोट की जेब में डाल दिया था। जब गुरु जी को पता चला तो उन्होंने क्लास में उसे बहुत फटकारा और स्कूल टीचर ने इसके लिए उसके मम्मी-पापा को बुलाकर भी डांट लगाई तथा स्कूल से निकालने की भी धमकी दी।

लेकिन उसमें एक बात बहुत अच्छी थी कि वह पढ़ाई में कक्षा में हमेशा प्रथम आता था। इस कारण उसकी बहुत सारी शरारतें छिप जाती थीं। स्कूल में विज्ञान के मास्टर दीनदयाल जी नए-नए आए थे। वह कक्षा में अपने विषय के अलावा और नई-नई बातें बताते थे। उन्हें शरारती बच्चे बहुत अच्छे लगते थे। वह कहते थे कि जो शरारती बच्चा होगा, वही ज्यादा ऊर्जावान होगा। उसे  अच्छे तरीके से समझाया जाए तो समाज के लिए बहुत अच्छे कार्य कर सकता है और बहुत ही ऊंचे पद पर भी पहुंच सकता है।

एक दिन मास्टर जी बच्चों को वैज्ञानिक तरीके से अंधविश्वास के बारे में बता रहे थे। बीच में ही देवु खड़ा हो गया और पूछने लगा, ‘‘मास्टर जी, हमारे घर के पास चौराहे पर कमला दादी एक पेड़ के नीचे टोना-टोटका करती है। क्या उस टोने-टोटके को देखने या हाथ लगाने से आदमी मर जाता है?’’

उन्हें प्रश्न बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा, ‘‘टोने-टोटके से कुछ नहीं होता, कोई नहीं मरता। इससे केवल कमजोर दिल वाले ही डरते हैं, बहादुर उसे उठाकर फैंक देते हैं या मंदिर में रख देते हैं।’’
देवु ने पक्का मन बना लिया कि आज वह टोने-टोटके को फैंक कर पेड़ के नीचे ही खेलेगा। उसने लोगों से सुना था कि पीपल के पेड़ के नीचे टोना-टोटका किया जाता है। बच्चे उस पेड़ के नीचे नहीं खेलते। जैसे ही शनिवार आया, देवु जल्दी उठ गया। उसने देखा कमला दादी टोना-टोटका कर रही है।

जब वह टोना-टोटका करके चली गई, तब देवु ने अपने साथियों को बुलाया और कहा कि चलो यह टोना-टोटका उठा कर फैंक देते हैं लेकिन कोई उसे उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ। देवु अकेला रह गया।

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं । अपनी जन्म तिथि अपने नाम , जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर वाट्स ऐप करें
PunjabKesari

उसने टोटके वाली गठरी को खोला। उसमें कुछ खुले पैसे थे, लाल कपड़े में मिठाई थी। रामू ने स्टेशन पर बैठे भिखारियों को मिठाई बांट दी और लाल कपड़ा मंदिर में रख दिया। उसमें जो खुले पैसे रखे थे, उसकी कुल्फी खरीद कर खा ली।

उसकी मां को पता चल गया कि देवु ने टोटका उठा लिया है तो वह जोर-जोर से रोने लगी और बोली, ‘‘देवु तूने टोटके को क्यों उठाया। अरे सारा घर बर्बाद हो जाएगा। तू एक ही मेरा लाल है। अब में कहां जाऊं। हे भगवान मेरे देवु की रक्षा करना।’’

लेकिन देवु ने मां से कहा, ‘‘मां जब आप भगवान पर भरोसा रखती हैं तो ऐसी चीजों से डरती क्यों हो। मुझे कुछ नहीं होगा। दीनदयाल गुरु जी  कहते हैं कि यह तो सब अंधविश्वास है।’’

अब देवु प्रत्येक शनिवार व मंगलवार को  साइकिल उठाकर अपने आस-पास पेड़ के नीचे व चौराहे पर जहां भी टोने-टोटका देखता, उन्हें उठाकर गरीब भिखारियों को बांटने लगा। अंतत: कमला दादी व अन्य लोगों ने तो टोना-टोटका करना ही बंद कर दिया, आस-पास के लोग भी उसका साथ देने लगे। उसके काम की सभी ने प्रशंसा की। अब बच्चे पेड़ के नीचे फिर खेलने लगे।
स्कूल के हैड मास्टर जी ने देवु को उसके सराहनीय कार्य और अंधविश्वास दूर भगाने के लिए सम्मानित किया।

उसे बधाई देने वालों में सबसे आगे विज्ञान के मास्टर दीनदयाल जी थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहले ही कहता था कि यह बच्चा आगे जाकर बहुत बड़े-बड़े काम करेगा और गांव का नाम रोशन करेगा। हमें गर्व है कि यह हमारे स्कूल का छात्र है।’’

वह बोले, ‘‘यह आज से अंधविश्वास भगाने का हमारा ब्रांड एम्बैसेडर है।’’  
-नरेश मोहन
 

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!