Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Dec, 2025 08:34 AM

Zodiac Animals Race Story: भारतीय वैदिक ज्योतिष की तरह ही चीन में भी 12 राशियों का एक संपूर्ण राशि चक्र मौजूद है, जिसे चीनी ज़ोडियक कहा जाता है। हालांकि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां राशियों के नाम ग्रहों या नक्षत्रों के बजाय जानवरों के नाम पर...
Zodiac Animals Race Story: भारतीय वैदिक ज्योतिष की तरह ही चीन में भी 12 राशियों का एक संपूर्ण राशि चक्र मौजूद है, जिसे चीनी ज़ोडियक कहा जाता है। हालांकि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां राशियों के नाम ग्रहों या नक्षत्रों के बजाय जानवरों के नाम पर दर्ज हैं। यही वजह है कि आज भी लोग यह जानने में दिलचस्पी रखते हैं कि आखिर इन राशियों का संबंध जानवरों से कैसे बना और किस आधार पर चूहे को इस चक्र में पहला स्थान मिल गया, जबकि शक्तिशाली ड्रैगन पीछे रह गया।

इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए हमें सदियों पुरानी एक रोचक चीनी लोककथा की ओर जाना पड़ता है, जिस पर आज के चीनी राशिफल की बुनियाद टिकी मानी जाती है। चीनी राशि चक्र में क्यों शामिल किए गए 12 जानवर। चीनी ज़ोडियक में कुल 12 जानवर शामिल हैं चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, भेड़, बंदर, मुर्गा, कुत्ता और सूअर।
स्थानीय परंपराओं के अनुसार, बहुत प्राचीन काल में चीन पर एक पौराणिक शासक जेड सम्राट का शासन था। समय को व्यवस्थित और सरल करने के लिए उन्होंने अपनी वर्ष गणना प्रणाली शुरू करने की योजना बनाई। यह तय हुआ कि इस चक्र के 12 वर्षों के नाम उन 12 जीवों पर रखे जाएंगे जो एक विशेष चुनौती में जीत हासिल करेंगे।

जेड सम्राट की अनोखी चुनौती
नदी पार करने वाली दौड़ से तय होने थे सभी स्थान। कथाओं के अनुसार, अपने जन्मदिन के अवसर पर सम्राट ने एक घोषणा की जो भी जानवर बहती हुई नदी को पार कर सबसे पहले उनकी महल-सीमा तक पहुंचेगा, वह राशि चक्र में अपना स्थान पाएगा। इस प्रतियोगिता के जरिए कुल बारह पशुओं का चयन होना था। घोषणा होते ही विभिन्न जानवर निर्धारित दिन पर नदी किनारे इकट्ठे हो गए। सभी में उत्साह, जिज्ञासा और थोड़ी आशंका भी थी।

चूहा और बैल की कहानी
चतुराई ने कैसे दिलाई पहला स्थान
कहानी का सबसे रोमांचक हिस्सा शुरू होता है चूहे और बिल्ली से। दोनों घनिष्ठ मित्र थे और दोनों ही कमजोर तैराक। उन्हें चिंता थी कि गहरी और तेज बहती नदी को कैसे पार करेंगे। इसी दौरान चूहे ने एक चालाक उपाय सोचा। चूहा चुपचाप बैल की पीठ पर चढ़ गया, क्योंकि बैल बेहद धीर-गंभीर और शक्तिशाली तैराक था। बैल ने नदी को पार करते समय चूहे का भार महसूस भी नहीं किया।जैसे ही बैल किनारे पहुंचकर आगे बढ़ने लगा, चूहे ने बैल की पीठ से छलांग लगाई और सम्राट के सामने सबसे पहले पहुंच गया। इस तरह चूहे को पहले वर्ष का प्रतीक नाम मिला और बैल दूसरे स्थान पर आ गया।
बाकी स्थान कैसे भरे?
बैल के बाद जल्दी ही बाघ किनारे पहुंचा और तीसरा स्थान उसका हुआ। खरगोश ने पत्थरों और लकड़ी के टुकड़ों पर छलांग लगाते हुए नदी पार की और चौथा स्थान पाया। शक्तिशाली ड्रैगन उड़कर आ सकता था, लेकिन लोककथा के अनुसार वह रास्ते में बारिश लाने के लिए रुका, जिससे किसानों का भला हो सके। इसलिए वह पांचवें स्थान पर पहुंच सका। इसके बाद क्रमशः सांप (6), घोड़ा (7), भेड़ (8), बंदर (9), मुर्गा (10), कुत्ता (11) और सबसे अंत में सूअर (12) फिनिश लाइन तक पहुंचे।
चीनी राशियों की लोकप्रियता क्यों बढ़ी?
चीनी राशिफल केवल ज्योतिषीय आस्था नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा माना जाता है। प्रत्येक राशि वर्ष को अलग स्वभाव, भाग्य, करियर और व्यक्तित्व से जोड़ा जाता है। आज इंटरनेट और सोशल मीडिया ने इसे विश्वभर में लोकप्रिय बना दिया है। एशिया के कई देशों में जन्म वर्ष के आधार पर व्यक्तित्व विश्लेषण और शुभ-अशुभ अनुमान आम बात है। चीनी राशि चक्र के प्राणियों का चयन किसी वैज्ञानिक आधार पर नहीं, बल्कि लोककथाओं और सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित है। मगर इस कहानी की सरलता, चतुराई और प्रतीकात्मकता ही इसे सदियों से जीवित रखे हुए है। चूहा आज भी इस चक्र में प्रथम है क्योंकि यह केवल ताकत नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता और समय पर लिए गए सही निर्णय की जीत थी।
