Edited By Niyati Bhandari,Updated: 22 Dec, 2025 11:28 AM

Gajendra Moksha Katha: हिंदू शास्त्रों और पौराणिक मान्यताओं में गजेंद्र मोक्ष की कथा भक्ति, विश्वास और ईश्वर की करुणा का अद्भुत उदाहरण मानी जाती है। इसी दिव्य कथा से गजेंद्र स्तुति की उत्पत्ति हुई, जो आज भी भक्तों को संकट, भय और क्लेश से मुक्ति का...
Gajendra Moksha Katha: हिंदू शास्त्रों और पौराणिक मान्यताओं में गजेंद्र मोक्ष की कथा भक्ति, विश्वास और ईश्वर की करुणा का अद्भुत उदाहरण मानी जाती है। इसी दिव्य कथा से गजेंद्र स्तुति की उत्पत्ति हुई, जो आज भी भक्तों को संकट, भय और क्लेश से मुक्ति का मार्ग दिखाती है। यह कथा भागवत पुराण के अष्टम स्कंध में वर्णित है, जिसे महर्षि शुकदेव जी ने राजा परीक्षित को सुनाया था।

Gajendra Moksha Story: गजेंद्र मोक्ष की पौराणिक कथा
शास्त्रों के अनुसार, गजेंद्र नामक हाथी वरुण देव के ऋतुमत उद्यान में निवास करता था और भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। एक दिन जब वह पूजा के लिए कमल पुष्प लेने सरोवर में गया, तभी एक शक्तिशाली मगरमच्छ ने उसका पैर पकड़ लिया। गजेंद्र ने पूरी शक्ति से संघर्ष किया, उसका झुंड भी सहायता के लिए आया, किंतु असफल रहा। जब सभी प्रयास व्यर्थ हो गए और मृत्यु समीप प्रतीत हुई, तब गजेंद्र ने पूर्ण समर्पण भाव से भगवान विष्णु को पुकारा और अपनी सूंड में कमल उठाकर अर्पित किया।
भक्त की करुण पुकार सुनकर भगवान विष्णु गरुड़ पर सवार होकर प्रकट हुए और अपने सुदर्शन चक्र से मगरमच्छ का वध कर गजेंद्र को मुक्त किया। यही घटना गजेंद्र मोक्ष कहलाती है।
गजेंद्र का पूर्व जन्म और मोक्ष रहस्य
भगवान विष्णु ने बताया कि गजेंद्र अपने पूर्व जन्म में पांड्य वंश के राजा इंद्रद्युम्न थे। एक बार ऋषि अगस्त्य के अनादर के कारण उन्हें हाथी बनने का श्राप मिला। किंतु विष्णु भक्ति के कारण उन्हें गजेंद्र रूप में जन्म मिला ताकि वे अंतिम जन्म में मोक्ष प्राप्त कर सकें। यह कथा बताती है कि ईश्वर भक्ति कभी व्यर्थ नहीं जाती।

गजेंद्र स्तुति की महिमा
मगरमच्छ से मुक्त होने के लिए गजेंद्र द्वारा की गई प्रार्थना ही आगे चलकर गजेंद्र स्तुति के रूप में प्रसिद्ध हुई। इसे विष्णु सहस्रनाम से भी जोड़ा जाता है। गुरुवार और एकादशी के दिन इसका पाठ अत्यंत फलदायी माना गया है। सत्यनारायण कथा के बाद इसका पाठ करने से विष्णु और लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
गजेंद्र स्तुति के लाभ
सभी प्रकार के संकट, भय और बाधाओं से मुक्ति
मानसिक शांति और आत्मिक बल की प्राप्ति
रोग, ऋण और दुर्भाग्य से राहत
मोक्ष की भावना और ईश्वर से गहरा संबंध
गजेंद्र स्तुति का पाठ कैसे करें?
प्रातः या संध्या शांत मन से पाठ करें
भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं
कमल पुष्प अर्पित कर श्रद्धा से स्तुति करें
गजेंद्र मोक्ष की कथा हमें सिखाती है कि जब सभी मार्ग बंद हो जाएं, तब भी ईश्वर में अटूट विश्वास हमें संकट से उबार सकता है। गजेंद्र स्तुति हर आयु वर्ग के भक्त के लिए आशा, साहस और मोक्ष का संदेश देती है।
