Edited By Niyati Bhandari,Updated: 18 Jun, 2025 09:45 AM
Ganesh ji ke 108 naam- मंगलमूर्ति श्री गणेश सर्वप्रथम पूजे जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है की बप्पा का ध्यान करने मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती हैं। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्य को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी...
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Ganesh ji ke 108 naam- मंगलमूर्ति श्री गणेश सर्वप्रथम पूजे जाते हैं। शास्त्रों में कहा गया है की बप्पा का ध्यान करने मात्र से व्यक्ति के जीवन की सारी परेशानियां हल हो जाती हैं। इसी कारण तो किसी भी शुभ मांगलिक कार्य को आरंभ करने से पहले श्री गणपति जी का न सिर्फ आवाहन किया जाता है बल्कि उनकी विशेष पूजा-अर्चना भी की जाती है। श्री गणेश अपने भक्तों के समस्त विघ्नों को दूर करने के लिए विघ्नों के मार्ग में विकट स्वरूप धारण करके खड़े हो जाते हैं। अपने घर, दुकान, फैक्ट्री आदि के मुख्य द्वार के ऊपर तथा ठीक उसकी पीठ पर अंदर की ओर गणेश जी का स्वरूप अथवा चित्रपट जरूर लगाएं। ऐसा करने से गणेश जी कभी भी आपके घर, दुकान अथवा फैक्ट्री की दहलिज पार नहीं करेंगे तथा सदैव सुख-समृद्धि बनी रहेगी। कोई भी नकारात्मक शक्ति घर में प्रवेश नहीं कर पाएगी। प्रतिदिन गणेश जी के 108 नाम के साथ उनके नाम का मंत्र जाप रोजाना करेंगे तो शुभ फल मिलेगा। आपके घर में सदा खुशियों का वास बना रहेगा।
Ganesh Mantra- इस गणेश मंत्र का जप करने से जातक को अपने जीवन में यश, कीर्ति, पराक्रम तथा वैभव प्राप्त होता है। गणेश मंत्र: ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरदे नम:

गणेश जी के 108 नाम
1. बाल गणपति: सबसे प्रिय बालक
2. भालचन्द्र: जिसके मस्तक पर चंद्रमा हो
3. बुद्धिनाथ: बुद्धि के भगवान
4. धूम्रवर्ण: धुंए को उड़ाने वाला
5. एकाक्षर: एकल अक्षर

6. एकदन्त: एक दांत वाले
7. गजकर्ण: हाथी की तरह आंखें वाला
8. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान
9. गजानन: हाथी के मुख वाले भगवान
10. गजवक्र: हाथी की सूंड वाला
11. गजवक्त्र: जिसका हाथी की तरह मुंह है
12. गणाध्यक्ष: सभी जणों का मालिक
13. गणपति: सभी गणों के मालिक

14. गौरीसुत: माता गौरी का बेटा
15. लम्बकर्ण: बड़े कान वाले देव
16. लम्बोदर: बड़े पेट वाले
17. महाबल: अत्यधिक बलशाली वाले प्रभु
18. महागणपति: देवातिदेव
19. महेश्वर: सारे ब्रह्मांड के भगवान
20. मंगलमूर्ति: सभी शुभ कार्य के देव
21. मूषकवाहन: जिसका सारथी मूषक है

22. निदीश्वरम: धन और निधि के दाता
23. प्रथमेश्वर: सब के बीच प्रथम आने वाला
24. शूपकर्ण: बड़े कान वाले देव
25. शुभम: सभी शुभ कार्यों के प्रभु
26. सिद्धिदाता: इच्छाओं और अवसरों के स्वामी
27. सिद्धिविनायक: सफलता के स्वामी
28. सुरेश्वरम: देवों के देव
29. वक्रतुण्ड: घुमावदार सूंड

30. अखुरथ: जिसका सारथी मूषक है
31. अलम्पता: अनन्त देव
32. अमित: अतुलनीय प्रभु
33. अनन्तचिदरुपम: अनंत और व्यक्ति चेतना
34. अवनीश: पूरे विश्व के प्रभु
35. अविघ्न: बाधाओं को हरने वाले
36. भीम: विशाल
37. भूपति: धरती के मालिक

38. भुवनपति: देवों के देव
39. बुद्धिप्रिय: ज्ञान के दाता
40. बुद्धिविधाता: बुद्धि के मालिक
41. चतुर्भुज: चार भुजाओं वाले
42. देवादेव: सभी भगवान में सर्वोपरि
43. देवांतक नाशकारी: बुराइयों और असुरों के विनाशक
44. देवव्रत: सबकी तपस्या स्वीकार करने वाले
45. देवेन्द्राशिक: सभी देवताओं की रक्षा करने वाले
46. धार्मिक: दान देने वाला

47. दूर्जा: अपराजित देव
48. द्वैमातुर: दो माताओं वाले
49. एकदंष्ट्र: एक दांत वाले
50. ईशानपुत्र: भगवान शिव के बेटे
51. गदाधर: जिसका हथियार गदा है
52. गणाध्यक्षिण: सभी पिंडों के नेता
53. गुणिन: जो सभी गुणों क ज्ञानी
54. हरिद्र: स्वर्ण के रंग वाला
55. हेरम्ब: मां का प्रिय पुत्र

56. कपिल: पीले भूरे रंग वाला
57. कवीश: कवियों के स्वामी
58. कीर्ति: यश के स्वामी
59. कृपाकर: कृपा करने वाले
60. कृष्णपिंगाश: पीली भूरी आंखवाले
61. क्षेमंकरी: माफी प्रदान करने वाला
62. क्षिप्रा: आराधना के योग्य
63. मनोमय: दिल जीतने वाले
64. मृत्युंजय: मौत को हरने वाले
65. मूढ़ाकरम: जिन्में खुशी का वास होता है

66. मुक्तिदायी: शाश्वत आनंद के दाता
67. नाद प्रतिष्ठित: जिसे संगीत से प्यार हो
68. नमस्थेतु: सभी बुराइयों और पापों पर विजय प्राप्त करने वाले
69. नन्दन: भगवान शिव का बेटा
70. सिद्धांथ: सफलता और उपलब्धियों की गुरु
71. पीताम्बर: पीले वस्त्र धारण करने वाला
72. प्रमोद: आनंद
73. पुरुष: अद्भुत व्यक्तित्व
74. रक्त: लाल रंग के शरीर वाला
75. रुद्रप्रिय: भगवान शिव के चहीते
76. सर्वदेवात्मन: सभी स्वर्गीय प्रसाद के स्वीकार्ता

77. सर्वसिद्धांत: कौशल और बुद्धि के दाता
78. सर्वात्मन: ब्रह्मांड की रक्षा करने वाला
79. ओमकार: ओम के आकार वाला
80. शशिवर्णम: जिसका रंग चंद्रमा को भाता हो
81. शुभ गुण कानन: जो सभी गुण के गुरु हैं
82. श्वेता: जो सफेद रंग के रूप में शुद्ध है
83. सिद्धिप्रिय: इच्छापूर्ति वाले
84. स्कन्द पूर्वज: भगवान कार्तिकेय के भाई
85. सुमुख: शुभ मुख वाले
86. स्वरूप: सौंदर्य के प्रेमी
87. तरुण: जिसकी कोई आयु न हो
88. उद्दण्ड: शरारती

89. उमापुत्र: पार्वती के बेटे
90. वरगणपति: अवसरों के स्वामी
91. वरप्रद: इच्छाओं और अवसरों के अनुदाता
92. वरदविनायक: सफलता के स्वामी
93. वीरगणपति: वीर प्रभु
94. विद्यावारिधि: बुद्धि की देव
95. विघ्नहर: बाधाओं को दूर करने वाले
96. विघ्नहत्र्ता: बुद्धि की देव
97. विघ्नविनाशन: बाधाओं का अंत करने वाले
98. विघ्नराज: सभी बाधाओं के मालिक
99. विघ्नराजेन्द्र: सभी बाधाओं के भगवान
100. विघ्नविनाशाय: सभी बाधाओं का नाश करने वाला

101. विघ्नेश्वर: सभी बाधाओं के हरने वाले भगवान
102. विकट: अत्यंत विशाल
103. विनायक: सब का भगवान
104. विश्वमुख: ब्रह्मांड के गुरु
105. विश्वराजा: संसार के स्वामी
105. यज्ञकाय: सभी पवित्र और बलि को स्वीकार करने वाला
106. यशस्कर: प्रसिद्धि और भाग्य के स्वामी
107. यशस्विन: सबसे प्यारे और लोकप्रिय देव
108. योगाधिप: ध्यान के प्रभु
