Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Jun, 2020 07:33 AM
गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी। माना जाता है की इसी दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ था। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
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Ganga Dussehra: गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी। माना जाता है की इसी दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ था। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मां गंगा की गोद में जाकर पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है।
गंगा दशहरा पर्व पर अपनी किस्मत के सितारों की चाल बदलने के लिए करें विशेष उपाय
गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होता है, अंत में मुक्ति मिलती है।
दान-पुण्य का विशेष महत्व है। इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।
गंगा स्रोत का पाठ करना चाहिए।
गंगा दशहरा के दिन 10 का अंक शुभ माना जाता है। 10 दीपक जलाएं और 10 वस्तुओं का दान करें।
गंगा जल को घर में छिड़कने से हर तरह के वास्तुदोषों से छुटकारा मिल सकता है।
गंगा, शिव, ब्रह्मा, सूर्य देवता, भागीरथी तथा हिमालय की प्रतिमा बनाकर दूध, बताशा, जल, रोली, नारियल, धूप, दीप से पूजन करके दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है।
गंगा स्नान, अन्न-वस्त्रादि का दान, जप-तप, उपासना और उपवास किया जाता है। इससे दस प्रकार के पापों से छुटकारा मिलता है।