Edited By Sarita Thapa,Updated: 15 Jun, 2025 12:57 PM
Happy Father's Day: भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। हमारे धार्मिक ग्रंथ हमारे जीवन को निर्देशित करते हुए बच्चों में संस्कारों के बीज बोते हैं। ‘पदम पुराण’ में कहा गया है कि ‘पिता धर्म है, पिता स्वर्ग है और पिता...
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Happy Father's Day: भारतीय संस्कृति में माता-पिता को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। हमारे धार्मिक ग्रंथ हमारे जीवन को निर्देशित करते हुए बच्चों में संस्कारों के बीज बोते हैं। ‘पदम पुराण’ में कहा गया है कि ‘पिता धर्म है, पिता स्वर्ग है और पिता ही उत्तम तप है। पिता के खुश हो जाने से सारे देवता खुश हो जाते हैं। अगर मां सभी तीर्थों की तरह है तो पिता सभी देवताओं का स्वरूप हैं, इसलिए हम सबको माता-पिता का आदर करना चाहिए।
मां की तरह पिता का बच्चे के जीवन में विशेष महत्व होता है। मां बच्चे को जन्म देती है तो पिता उसका पालन-पोषण करता है। जिन बच्चों का रिश्ता अपने पिता के साथ अच्छा होता है, वे बच्चे बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप में ज्यादा मजबूत होते हैं। एक पिता अपने बच्चे के लिए वट वृक्ष जैसा होता है, जिसकी छांव के नीचे उस बच्चे का जीवन सुरक्षित रहता है। पिता सिर्फ बच्चे को जन्म ही नहीं देता, बल्कि उसका पालन-पोषण बढिय़ा से बढिय़ा तरीके के साथ करने के लिए सारी उम्र स त मेहनत करता है, ताकि वह बच्चों को सारी सुख-सुविधाएं दे सके।
पिता अपना सारा जीवन अपने परिवार की कुशलता और तरक्की के लिए समॢपत कर देता है। चाहे पिता द्वारा लागू किया अनुशासन बच्चों को कई बार पसंद नहीं आता और बच्चे सोचते हैं कि पिता उनको प्यार नहीं करते, पर पिता की स ती में अपने बच्चों के लिए छुपा हुआ बेअंत प्यार और ;चिंता होती है। पिता से ही एक बच्चा परिवार के प्रति जि मेदारी को निभाना सीखता है। पिता के घूरने में ही लाड़ की महक होती है, जो जिंदगी की मुसीबतों को झेलने में समर्थ बनाती है। बच्चों द्वारा की गई गलतियों को पिता बुलाकर उसको फिर से प्यार भरी झप्पी में लेता है और भविष्य में अपनी भूल सुधारने के लिए समझाता है। इस तरह पिता की डांट में ही उसका प्यार छुपा होता है।
फादर्स डे का इतिहास
माता-पिता के बहुमूल्य योगदान की याद करवाते रहने के लिए हर साल माता दिवस और पिता दिवस मनाए जाते हैं। सबसे पहले पश्चिमी वर्जीनिया में पिता दिवस 19 जून, 1910 को मनाया गया था। अमरीका में इसकी शुरूआत 116 में की गई। उस समय के राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव की मंजूरी दी। सन् 124 में राष्ट्रपति केल्विन कुलिज ने इसको राष्ट्रीय आयोजन घोषित किया। 1966 में राष्ट्रपति ङ्क्षलडन जॉनसन ने पहली बार हर साल जून के तीसरे रविवार को पिता दिवस मनाने का फैसला किया।

अलग-अलग तिथियां
वैसे विश्व में अलग-अलग देश अलग-अलग तिथियों को यह दिन मनाते हैं। कनाडा, अमरीका, भारत, इंगलैंड, फ्रांस, पाकिस्तान, ग्रीस और दक्षिण अफ्रीका में हर साल जून के तीसरे रविवार को पिता दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जबकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में सित बर के पहले रविवार और थाईलैंड में 5 दिस बर को मनाया जाता है।
फादर्स डे का महत्व
पितृत्व का स मान : यह दिन पिता के प्रेम, सुरक्षा, अनुशासन और बलिदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
भावनात्मक जुड़ाव: दिन परिवारों को एक साथ समय बिताने का मौका देता और संबंधों को मजबूत करता है। हर पिता समान
रिश्ते को सलाम: जैविक पिता ही नहीं, दादा-दादी, चाचा, गुरु और कोच जैसे सभी पुरुष जो पितातुल्य भूमिका निभाते हैं, उन्हें भी इस दिन याद किया जाता है।
संस्कार और विरासत पर चिंतन : इस दिन हम उस सीख और संस्कार को भी याद करते हैं, जो पीढिय़ों से हमें मिलते आए हैं।

कैसे मनाएं फादर्स डे
पिता के साथ समय बिताएं, उनकी पसंद का खेल खेलें, मूवी देखें, पिकनिक पर जाएं। उनके सभी कामों को एक दिन के लिए खुद संभालें।
खास उपहार : बच्चों द्वारा बनाए गए ग्रीटिंग कार्ड या हैंडमेड गि ट्स। पर्सनलाइज्ड गि ट्स जैसे फोटो फ्रेम, मग या उनके पसंदीदा गानों की प्लेलिस्ट। उनकी पसंद की किताब, गैजेट्स या टूल्स, जो वह लंबे समय से लेना चाह रहे हों।
शब्दों की ताकत : दिल से लिखा गया धन्यवाद पत्र या कार्ड। बचपन की यादों को साझा करते हुए एक एल्बम बनाएं। उन्हें एक सच्चे ‘थैंक यू’ के साथ गले लगाएं।
दूरी से प्यार
कॉल या वीडियो कॉल करके उनका हाल पूछें। उनके लिए ऑनलाइन खाना ऑर्डर करें या सरप्राइज गिफ्ट भेजें।
