Edited By Niyati Bhandari,Updated: 25 Aug, 2025 01:47 PM

Hartalika Teej 2025: 26 अगस्त, मंगलवार को हरतालिका तीज व्रत है, जो हरतालिका तृतीया व्रत और गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। ये पर्व हस्त नक्षत्र में करने का विधान है तथा इस व्रत में चंद्रमा के उदय होने का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Hartalika Teej 2025: 26 अगस्त, मंगलवार को हरतालिका तीज व्रत है, जो हरतालिका तृतीया व्रत और गौरी तृतीया के नाम से भी जाना जाता है। ये पर्व हस्त नक्षत्र में करने का विधान है तथा इस व्रत में चंद्रमा के उदय होने का विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव-पार्वती को समर्पित है। इस व्रत को करने से सुहागन महिलाओं को अखण्ड सौभाग्य का वरदान मिलता है और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर प्राप्त होता है। मान्यता है की देवी पार्वती ने इस व्रत के प्रभाव से अपने प्रेम भगवान शिव को पति रूप में पाया था।
पूजन व्रत और उपाय विधि: नित्यकर्म से निवृत्त होकर तिल तथा आंवला के चूर्ण से स्नान करें। आटे की चौकी पर केले के पत्ते का मंडप बनाकर शंकर और पार्वती की मिट्टी की मूर्ति स्थापित करें। पूर्वमुखी होकर तथा आसन पर बैठकर गौरी-शंकर का विधिवत संयुक्त पूजन करें। सर्वप्रथम शुद्ध घी का दीपक जलाएं तत्पश्चात सीधे सतह में अक्षत, रोली, मूंग, फूल और पानी लेकर इस मंत्र से संकल्प करें- "उमा महेश्वर सायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये"।
इसके बाद सुगंधित धूप जलाएं। लाल रंग के फूल चढ़ाएं। सिंदूर अर्पित करें तथा गुड़ का भोग लगाएं तत्पश्चात सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन वस्तुओं को पार्वती जी को अर्पित करें। भगवान शंकर को धोती तथा अंगोछा अर्पित करें।
उसके बाद "ह्रीं गौरी शंकराय नमः" मंत्र का सामर्थ्यानुसार जाप करें। सुहाग सामग्री किसी ब्राह्मणी को तथा धोती-अंगोछा ब्राह्मण को दान करें। संध्या के समय घर के केंद्र में किसी परात में पानी में थोड़ा दूध, तिल और फूलों की पत्तियां मिलाकर भरकर रखें तथा इसमें तीन दीपक जलाकर गौरीशंकर से परिवार की कुशलता की प्रार्थना करें।
