Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 May, 2023 10:28 AM
अहिल्याबाई होल्कर परम भगवद्भक्त, दानशील, परोपकारी वीरांगना रानी थी। इंदौर राज्य की जनता उनके कल्याणकारी कार्यों के
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Inspirational Story: अहिल्याबाई होल्कर परम भगवद्भक्त, दानशील, परोपकारी वीरांगना रानी थी। इंदौर राज्य की जनता उनके कल्याणकारी कार्यों के प्रति उनके आगे नतमस्तक रहती थी। राज्य के एक विद्वान पंडित ने रानी अहिल्याबाई की स्तुति में एक महाकाव्य की रचना की। पंडित उस ग्रंथ को लेकर राजदरबार में पहुंचा। उसने रानी के समक्ष कुछ पंक्तियां गाकर सुनाईं।
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उपस्थित लोग रानी की प्रशंसा में काव्य पंक्तियां सुनकर वाह-वाह कर उठे। अहिल्याबाई बोली, पंडित जी, मैं तो एक साधारण महिला हूं। प्रजा की सेवा करना मेरा धर्म है, कर्त्तव्य है। यदि आप मेरे स्थान पर प्रभु की स्तुति में यह रचते तो वह अमर हो जाता। उससे रचने वाले का तथा सुनने वाले श्रोता दोनों का कल्याण होता।
इतना कह कर रानी ने प्रधानमंत्री को संकेत दिया कि कवि महोदय को इस परिश्रम के लिए स्वर्ण मुद्राएं पुरस्कार के रूप में दे दी जाएं और साथ ही उनकी प्रशंसा में रचे गए उस महाकाव्य को नर्मदा नदी में प्रवाहित करा दिया जाए।