Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 Jun, 2025 09:48 AM

Inspirational Story: आंबेर के राजा जयसिंह की छोटी रानी कोटा की राजकुमारी थीं। उन्हें सादगीपूर्ण रहन-सहन अच्छा लगता था, जबकि जयसिंह उन्हें कीमती वस्त्रों व आभूषणों से लदी देखना पसंद करते थे।
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Inspirational Story: आंबेर के राजा जयसिंह की छोटी रानी कोटा की राजकुमारी थीं। उन्हें सादगीपूर्ण रहन-सहन अच्छा लगता था, जबकि जयसिंह उन्हें कीमती वस्त्रों व आभूषणों से लदी देखना पसंद करते थे।
एक दिन जयसिंह ने बातचीत के दौरान छोटी रानी से कहा, “तुमसे अच्छे वस्त्र और आभूषण तो नगर की साधारण महिलाएं पहनती हैं।”

यह सुनकर रानी चुप ही रहीं। इससे राजा को गुस्सा आ गया और उन्होंने एक कांच का टुकड़ा उठाकर रानी के वस्त्र फाड़ने के लिए हाथ बढ़ाया।
यह देख रानी का स्वाभिमान जाग उठा। उन्होंने फौरन राजा के म्यान से तलवार निकालकर आवेशपूर्ण शब्दों में कहा, “स्वामी, मैंने जिस वंश में जन्म लिया है, वहां इस प्रकार के अपमान को कदापि सहन नहीं किया जाता। यदि आपने दोबारा कभी मेरा अपमान करने की कोशिश की, तो उसका परिणाम अच्छा न होगा।

आपको मालूम हो जाएगा कि आंबेर के राजकुमार कांच का टुकड़ा चलाने में उतने कुशल नहीं होते जितनी निपुण कोटा की राजकुमारियां तलवार चलाने में होती हैं।”
राजा जयसिंह की भयभीत मुद्रा देखकर वह पुन: रौबीले स्वर में बोलीं, “कोटा वंश की किसी भी कन्या का भविष्य में अपमान न हो इसीलिए मुझे ऐसा मजबूरन करना पड़ा है।” यह सुनकर भयभीत हुए जयसिंह ने रानी से क्षमा मांगी और प्रतिज्ञा की कि वह भविष्य में उनका अपमान नहीं करेंगे।
