Edited By Prachi Sharma,Updated: 20 Sep, 2025 06:00 AM

Inspirational Story: किसी नगर में एक संत अपना प्रवचन करने पहुंचे। नगरवासियों से उन्होंने कहा, “हमेशा ईश्वर में अपनी सच्ची आस्था बनाए रखो। ईश्वर हमेशा सबकी रक्षा करता है।”
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Inspirational Story: किसी नगर में एक संत अपना प्रवचन करने पहुंचे। नगरवासियों से उन्होंने कहा, “हमेशा ईश्वर में अपनी सच्ची आस्था बनाए रखो। ईश्वर हमेशा सबकी रक्षा करता है।”
एक शिष्य उनकी बातों पर तनिक हैरान होते हुए भी एक-एक शब्द को अपने हृदय में उतार रहा था। प्रवचन सुनने के कुछ दिन बाद वही शिष्य किसी जंगल से गुजर रहा था, तभी एक आदमी सामने से दौड़ता हुआ आया।

वह चिल्ला रहा था, “बचाओ पागल हाथी इधर ही आ रहा है।” शिष्य ने मन ही मन संत के शब्द दोहराए कि ईश्वर हमेशा सबकी रक्षा करता है। इससे उसे अपने अंदर शक्ति का एहसास हुआ और वह बिना डर के आगे चल दिया। थोड़ी देर बाद सामने से पागल हाथी चिंघाड़ता हुआ आया और शिष्य को धक्का देता हुआ जंगल में दूसरी ओर भाग गया। शिष्य बाल-बाल बच गया, पर चोट तो लगी ही थी। क्रोधित होकर वह सीधा संत के आश्रम में पहुंचा। संत के सामने शिष्य ने अपनी शंका प्रकट की कि उसने ईश्वर में अपनी सच्ची आस्था बनाए रखी लेकिन ईश्वर ने उसकी रक्षा नहीं की।

उसकी शिकायत सुनकर संत ने उसे समझाते हुए कहा कि, “भगवान ने तुम्हारी सच्ची आस्था का ध्यान रख कर ही तुम्हें चेतावनी देने के लिए एक रक्षक भेजा था, लेकिन तुम नहीं चेते और आगे बढ़ते चले गए।
फिर भी पागल हाथी ने तुम्हें चोट पहुंचाकर ही छोड़ दिया। अगर वह चाहता तो तुम्हें कुचलता हुआ भी जा सकता था।
ईश्वर में अपनी सच्ची आस्था रखो और उसके द्वारा समय-समय पर दी जाने वाली चेतावनियों को भी समझने का प्रयास करो। वह सबकी रक्षा करता है परन्तु अगर सचेत नहीं रहोगे तो इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं।” यह सुनकर शिष्य को अपनी गलती का एहसास हो गया।
