Edited By Sarita Thapa,Updated: 06 Dec, 2025 01:26 PM

एक प्रतापी राजा अपने सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में डटे थे। भयंकर युद्ध चल रहा था और चारों ओर मृत्यु का तांडव था। अचानक, राजा ने देखा कि एक वृद्ध फकीर शांति और निर्भयता के साथ युद्ध क्षेत्र के पास से जा रहा है।
Best Motivational Story: एक प्रतापी राजा अपने सैनिकों के साथ युद्ध के मैदान में डटे थे। भयंकर युद्ध चल रहा था और चारों ओर मृत्यु का तांडव था। अचानक, राजा ने देखा कि एक वृद्ध फकीर शांति और निर्भयता के साथ युद्ध क्षेत्र के पास से जा रहा है। राजा आश्चर्यचकित हुए। उन्होंने फकीर को अपने पास बुलाया और पूछा, ‘‘बाबा जी, चारों तरफ मौत का मंजर है, तलवारें चल रही हैं, सैनिक मर रहे हैं। क्या आपको डर नहीं लगता?
आप इतने शांत कैसे हैं?’’फकीर मुस्कुराया और उसने राजा से एक अजीब अनुरोध किया। उसने कहा, ‘‘महाराज, मेरे सवालों का जवाब दीजिए, फिर मैं आपके सवाल का जवाब दूंगा।’’ राजा सहमत हो गए।
फकीर ने पूछा, ‘‘राजन, जब कोई सैनिक युद्ध में मर जाता है तो क्या उसकी आत्मा शरीर में वापस आ सकती है?’’
राजा ने कहा, ‘‘नहीं, यह असंभव है। जो मर गया, वह वापस नहीं आता।’’

फकीर ने फिर पूछा, ‘‘राजन, क्या आपके पास ऐसी शक्ति है कि आप किसी मृत व्यक्ति को जीवन दे सकें?’’ राजा ने सिर झुकाते हुए कहा, ‘‘नहीं, जीवन और मृत्यु पर किसी का नियंत्रण नहीं है।’’
फकीर ने पुन: शांत स्वर में कहा, ‘‘बस, राजन! यही आपके प्रश्र का उत्तर है। जब जिस वस्तु पर हमारा कोई वश नहीं चलता, जिसे हम बदल नहीं सकते तो उसके बारे में सोचकर डरने से क्या फायदा?’’
‘‘मौत एक अटल सत्य है, जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा जो निश्चित है और हमारे नियंत्रण से बाहर है, उससे डरने की बजाय हमें अपना जीवन बहादुरी से जीना चाहिए और अपने कर्त्तव्यों का पालन करना चाहिए। एक योद्धा के लिए रणभूमि ही उसका कर्त्तव्य स्थल है, और एक आम इंसान के लिए नेक कर्म करना ही उसका धर्म है।’’ यह सुनकर राजा के मन से भी मृत्यु का भय निकल गया और उन्होंने फकीर के जीवन दर्शन को अपना लिया।

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