Jaya Ekadashi: मंगलवार और एकादशी के शुभ योग में करें यह काम, श्री हरि की कृपा से मिलेगा सुख-समृद्धि का वरदान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 20 Feb, 2024 11:23 AM

jaya ekadashi

सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है। इसे भीष्म, अजा और जया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जया एकादशी का व्रत

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Jaya Ekadashi 2024: सनातन धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा जाता है। इसे भीष्म, अजा और जया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जया एकादशी का व्रत 20 फरवरी यानी आज के दिन रखा जाएगा। एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मन की हर मनोकामना पूरी होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ-साथ जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन लोग निराहार व्रत रखते हैं। जो लोग भूखे नहीं रह सकते, वो फलाहार और दूध का सेवन कर सकते हैं। स्कंद पुराण में एकादशी के व्रत के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने पांडव युधिष्ठिर को साल भर के एकादशियों के महत्व के बारे में खुद समझाया था।

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How to please Lord Vishnu on Jaya Ekadashi जया एकादशी के दिन विष्णु जी को कैसे प्रसन्न करें
किसी भी शुभ काम की शुरुआत करने के लिए गणेश जी की पूजा करने का विधान है। एकादशी वाले दिन भी सबसे पहले गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। गणेश जी को दूर्वा की माला अर्पित करें।
एकादशी का व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करें।  
एकादशी तिथि पर गाय के दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें।

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श्री हरि की पूजा करते समय फल-फूल, गंगा जल, धूप-दीप और प्रसाद आदि अर्पित करें।
दक्षिणावर्ती शंख में गंगा जल भरकर भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अभिषेक कर सकते हैं।
तुलसी के साथ विष्णु जी को मिठाई का भोग लगाएं।
फिर आरती करने के बाद श्री हरि के मंत्रों का जाप करें।

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Do these auspicious works on Tuesday and Ekadashi मंगलवार और एकादशी के योग में करें ये शुभ काम
एकादशी के दिन लोग निराहार व्रत करते हैं पर जो लोग भूखे नहीं रह सकते। उन्हें इस दिन एक समय फलाहार करना चाहिए। श्री हरि की आराधना करनी चाहिए और साथ ही एकादशी की कथा पढ़कर अथवा सुनकर श्री हरि का चिंतन करना चाहिए।

एकादशी के अगले दिन यानी द्वादशी पर किसी जरूरतमंद को भोजन करवाने के साथ अपनी इच्छा अनुसार दान करना चाहिए। इस के बाद खुद भोजन ग्रहण करके अपने एकादशी के व्रत को पूरा करें।

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मंगलवार और एकादशी के शुभ योग में विष्णु जी के साथ हनुमान जी की भी पूजा करें। इस दिन बजरंग बली के समक्ष घी का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। साथ ही पवन पुत्र हनुमान की कृपा पाने के लिए सुंदरकांड का पाठ करें।

मंगलवार का कारक ग्रह मंगल को माना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है, वो इस दोष से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर लाल गुलाब और लाल मसूर की दाल चढ़ा सकते हैं। 

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