Edited By Prachi Sharma,Updated: 15 Dec, 2023 07:06 AM
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवादित परिसर का सर्वे कराया जाएगा। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। हिंदू
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मथुरा/प्रयागराज (इंट): मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवादित परिसर का सर्वे कराया जाएगा। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष यानी वक्फ बोर्ड की उन दलीलें खारिज कर दीं जिनमें उन्होंने याचिका को सुनने योग्य नहीं होने का दावा किया था। हाईकोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बैंच ने यह फैसला सुनाया। 16 नवंबर को इस अर्जी पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस दिन विवादित परिसर की 18 याचिकाओं में से 17 पर सुनवाई हुई थी। ये सभी याचिकाएं मथुरा जिला अदालत से इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए शिफ्ट हुई थीं।
हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष की याचिका स्वीकारी, 13.37 एकड़ जमीन का सर्वे करेंगे कोर्ट कमिश्नर
कोर्ट कमिश्नर की टीम जुटाएगी साक्ष्य हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह के 13.37 एकड़ विवादित जमीन का कोर्ट कमिश्नर सर्वे करेंगे। यह सर्वे वाराणसी की ज्ञानवापी में मई 2021 में हुए कमिश्नर सर्वे की तरह होगा। इसमें कोर्ट कमिश्नर की टीम वहां जाकर साक्ष्य एकत्रित करके कोर्ट को रिपोर्ट देगी।
18 दिसंबर को तय होगा कोर्ट कमिश्नर का पैनल
हाईकोर्ट के फैसले के बाद हिंदू पक्ष के पक्ष वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा,आज हमने मांग की थी कि मथुरा में 13.37 एकड़ विवादित भूमि योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण की है। मस्जिद का गलत कब्जा है। उस कब्जे को हटाया जाए। 12 अक्तूबर 1968 के समझौते को अवैध घोषित किया जाए।
कोर्ट कमिश्नर की टीम में कितने सदस्य होंगे ? कौन-कौन होंगे ? कब सर्वे करेंगे ? कैसे फोटो-वीडियोग्राफी होगी ? ये सब 18 दिसंबर को हाईकोर्ट में होने वाली अगली सुनवाई में तय होगा।
हिंदू पक्षकारों ने समझौते को बताया अवैध
श्रीकृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में 12 अक्तूबर 1968 को एक समझौता हुआ था। श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट के सहयोगी संगठन श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ और शाही ईदगाह के बीच हुए इस समझौते में 13.37 एकड़ भूमि में से करीब 2.37 एकड़ भूमि शाही ईदगाह के लिए दी गई थी। हालांकि इस समझौते के बाद श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संघ को भंग कर दिया गया। इस समझौते को हिंदू पक्ष अवैध बता रहा है। शाही ईदगाह मस्जिद और यूपी सैंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील ने कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई थी।