Edited By Prachi Sharma,Updated: 25 Oct, 2025 02:00 PM

Labh Panchami 2025: लाभ पंचमी का पर्व केवल व्यापार और धन के लिए ही नहीं, बल्कि दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष देवी-देवताओं और मंत्रों का जाप करने से वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती
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Labh Panchami 2025: लाभ पंचमी का पर्व केवल व्यापार और धन के लिए ही नहीं, बल्कि दांपत्य जीवन में खुशहाली लाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन कुछ विशेष देवी-देवताओं और मंत्रों का जाप करने से वैवाहिक संबंधों में मधुरता आती है और सौभाग्य की वृद्धि होती है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला लाभ पंचमी का पर्व, जिसे सौभाग्य पंचमी भी कहा जाता है, अपने नाम के अनुरूप ही जीवन में सौभाग्य और शुभता लेकर आता है। यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन के लिए भी विशेष फलदायी माना जाता है, जिससे दांपत्य जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है और खुशहाली का स्थायी वास होता है।

भगवान शिव और माता पार्वती का पूजन
दांपत्य जीवन में सुख-शांति और प्रेम बनाए रखने के लिए इस दिन शिव-पार्वती का पूजन करें। प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शिव-पार्वती की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें। सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और उन्हें भोग लगाएं। इसके बाद, भगवान शिव का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। उन्हें बेलपत्र, धतूरा और भस्म अर्पित करें। माता पार्वती को कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां और लाल चुनरी सहित सभी सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। शिव-पार्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित करें और दोनों का ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें।
दांपत्य जीवन में खुशहाली के लिए मंत्र
दांपत्य जीवन में सामंजस्य और प्रेम बढ़ाने के लिए लाभ पंचमी के दिन इन मंत्रों का जाप करें। यह मंत्र माता पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इसका जाप पति-पत्नी दोनों को एक साथ या पत्नी को विशेष रूप से करना चाहिए।
ॐ त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यम् उमादेहरिर्धारिणे।
त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नमः।।
इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। यह मंत्र पति-पत्नी के बीच अटूट प्रेम और विश्वास को बढ़ाता है तथा वैवाहिक जीवन में आने वाली हर नकारात्मकता को दूर करता है।

मां लक्ष्मी का सौभाग्य लक्ष्मी स्वरूप-
चूंकि यह दिन सौभाग्य पंचमी भी है, इसलिए मां लक्ष्मी के उस स्वरूप का आह्वान करना चाहिए जो सुख और समृद्धि के साथ-साथ गृहस्थ जीवन में सौहार्द भी प्रदान करता है।
ॐ ह्रीं सौभाग्य लक्ष्म्यै नमः।
इस मंत्र का जाप 108, 51 या 21 बार करें।
इस मंत्र के जाप से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है और पति-पत्नी के बीच आर्थिक सुख-समृद्धि बनी रहती है, जिससे छोटी-छोटी बातों पर होने वाले मतभेद समाप्त होते हैं।
गृह क्लेश समाप्ति के लिए
यदि दांपत्य जीवन में अक्सर छोटे-मोटे झगड़े या गृह क्लेश होते हैं, तो प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण के इस मंत्र का जाप करें।
क्लीं कृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा।
तुलसी की माला से 108 बार जाप करें। यह मंत्र आपसी प्रेम और आकर्षण को बढ़ाता है और वैवाहिक जीवन में शांति तथा आनंद लाता है।
