Edited By Sarita Thapa,Updated: 24 Dec, 2025 03:18 PM

नए साल की दस्तक के साथ ही फिजाओं में गेंहू की बालियों की खुशबू और ढोल की थाप सुनाई देने लगती है। उत्तर भारत का प्रसिद्ध त्योहार लोहड़ी, खुशियों, नई फसल और भाईचारे का प्रतीक है।
Lohri 2026 Date : नए साल की दस्तक के साथ ही फिजाओं में गेंहू की बालियों की खुशबू और ढोल की थाप सुनाई देने लगती है। उत्तर भारत का प्रसिद्ध त्योहार लोहड़ी, खुशियों, नई फसल और भाईचारे का प्रतीक है। लेकिन हर साल की तरह साल 2026 में भी कैलेंडर की तारीखों को लेकर लोगों के बीच एक बड़ा सवाल बना हुआ है। आखिर लोहड़ी की पवित्र अग्नि 13 जनवरी को जलेगी या 14 जनवरी को? अक्सर मकर संक्रांति की बदलती तारीखों के कारण लोहड़ी के दिन को लेकर उलझन पैदा हो जाती है। तो आइए जानते हैं लोहड़ी के सही तारीख और शुभ मुहूर्त के बारे में-
2026 में लोहड़ी की तारीख
पंचांग और ज्योतिषीय गणना के अनुसार, लोहड़ी का त्योहार हमेशा मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। साल 2026 में मकर संक्रांति 14 जनवरी को पड़ रही है, इसलिए लोहड़ी का पावन पर्व 13 जनवरी 2026 मंगलवार को मनाया जाएगा। इसी दिन शाम के समय पवित्र अग्नि जलाई जाएगी और उसमें तिल, गुड़ और रेवड़ी अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी।
लोहड़ी पूजा का शुभ मुहूर्त
13 जनवरी 2026 को लोहड़ी पूजन के लिए शाम का समय सबसे उत्तम माना गया है।
लोहड़ी संक्रांति मुहूर्त : रात्रि 09:00 बजे के आसपास (जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश की तैयारी करते हैं)।
अग्नि प्रज्वलन का समय : शाम 06:30 बजे से लेकर रात्रि 08:30 बजे तक का समय उत्सव के लिए विशेष रूप से शुभ रहेगा।

क्यों मनाई जाती है लोहड़ी?
लोहड़ी केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों और नई फसल के स्वागत का प्रतीक है। यह पर्व किसानों के लिए बेहद खास है क्योंकि इस समय पंजाब और उत्तर भारत में रबी की फसल लहलहाने लगती है। लोहड़ी की आग में तिल और गुड़ डालकर हम अग्नि देव और सूर्य देव के प्रति आभार प्रकट करते हैं ताकि आने वाला साल खुशहाली भरा हो। लोहड़ी के गीतों में दुल्ला भट्टी का जिक्र जरूर होता है, जिन्होंने गरीब लड़कियों की मदद कर उन्हें लुटेरों से बचाया था।

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