Edited By Niyati Bhandari,Updated: 07 Sep, 2025 07:03 AM
Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका सीधा प्रभाव देश-दुनिया की गतिविधियों से लेकर पूजा-पाठ और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। हिंदू धर्म में इसे अशुभ अवधि के रूप में जाना जाता...
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Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण खगोलीय, धार्मिक और ज्योतिषीय तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जाता है। इसका सीधा प्रभाव देश-दुनिया की गतिविधियों से लेकर पूजा-पाठ और व्यक्तिगत जीवन पर पड़ता है। हिंदू धर्म में इसे अशुभ अवधि के रूप में जाना जाता है इसलिए इसके आरंभ से समापन तक कई नियमों का पालन किया जाता है। हालांकि, खगोल शास्त्रियों के लिए यह आकाशीय घटनाओं को समझने का अवसर होता है। वहीं ज्योतिष में इसका असर 12 राशियों और 27 नक्षत्रों पर पड़ता है, जिससे कुछ जातकों को लाभ, तो कुछ की परेशानियां बढ़ने लगती हैं। इस वर्ष 7 सितंबर 2025 को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। इसका दृश्य भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित सुधांशु तिवारी जी से इसके समय, प्रभाव, सूतक काल और उपायों को विस्तार से जानते हैं।
7 सितंबर को भारत में साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण देश के सभी राज्यों में भी दिखाई देगा। वैसे तो चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन इसे ज्योतिर्विदों के नजरिए से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे भी इस बार के चंद्र ग्रहण पर 100 साल बाद पितृ पक्ष का संयोग बन रहा है।
Lunar eclipse will occur in India on September 7 at this time भारत में 7 सितंबर को इतने बजे लगेगा चंद्र ग्रहण
ज्योतिष के नजरिए से 7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण बहुत ही खतरनाक माना जा रहा है क्योंकि जब भी चंद्र ग्रहण लगता है तो उसका प्रभाव देश-दुनिया पर 3 महीने पहले और 3 महीने बाद तक दिखाई देता है।
7 सितंबर की रात लगने वाला चंद्र ग्रहण पूरे भारत में दृश्यमान होगा वैसे तो 7 सितंबर की रात 8 बजकर 59 मिनट से चांद पर हल्की छाया पड़नी शुरू हो जाएगी। इसे चंद्र ग्रहण का पेनब्रा स्टेज कहा जाता है लेकिन सूतक काल इसके हिसाब से नहीं बल्कि गहरी छाया पड़ने के 9 घंटे पहले ही माना जाता है।
चंद्र ग्रहण का आरंभ 7 सितंबर की रात 9 बजकर 58 मिनट से होगा और इस ग्रहण का समापन 8 सितंबर की आधी रात 1 बजकर 26 मिनट पर होगा। अगर ग्रहण के सबसे महत्वपूर्ण और पीक टाइमिंग की बात की जाए तो ये रात 11 बजकर 42 मिनट पर अपने चरम पर होगा यानी भारत में संपूर्ण ग्रहण काल की कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट की रहेगी।

Timing of Sutak period of lunar eclipse चंद्र ग्रहण के सूतक काल की टाइमिंग
7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण चूंकि रात 9 बजकर 58 मिनट पर लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल 9 घंटे पहले यानी की दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से लग जाएगा।
Where will this lunar eclipse be visible? कहां-कहां दिखेगा ये चंद्र ग्रहण
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा देगा। इसके अलावा यह चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, अमेरिका, फिजी और अंटार्कटिका के कुछ हिस्सों में भी दिखेगा।
What will be the position of the planets during lunar eclipse चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहों की स्थिति क्या रहेगी ?
7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण राहु के नक्षत्र शतभिषा से शुरू होगा और गुरु के नक्षत्र पूर्वभाद्रपद पर इसका समापन होगा। इस दिन सूर्य, शनि और गुरु जैसे बड़े ग्रहों का महासंयोग भी बन रहा है। इस दिन दो ग्रहों की अहम भूमिका रहेगी। चंद्र ग्रहण में राहु और चंद्रमा एकसाथ होते ही हैं। इस बार ग्रहण रविवार को है तो सूर्य की भी एंट्री हो गई है क्योंकि रविवार सूर्य देव का दिन होता है। साथ ही, यह साल मंगल का साल है तो मंगल भी आ गए हैं। जिस दिन ये ग्रहण लग रहा है, वो तारीख और उस तारीख का मूलांक 7 है जो केतु का प्रतिनिधित्व करता है।

Effect of Lunar Eclipse on India चंद्र ग्रहण का भारत पर प्रभाव
ज्योतिषविद् पंडित सुधांशु तिवारी के मुताबिक, 7 सितंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत की राजनीति और प्रशासन पर भारी पड़ सकता है. इसके अलावा, पूर्णिमा पर लगने वाला ग्रहण ज्योतिष में खास माना जाता है क्योंकि इस समय प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ जाता है। खासकर बाढ़, भारी बारिश और पहाड़ी इलाकों में तबाही देखने की संभावना रहती है। इसका असर लोगों और जानवरों दोनों की जिंदगी पर पड़ेगा।
What not to do during Sutak सूतक के दौरान क्या न करें
शास्त्रों में बताया गया है कि चंद्र ग्रहण का 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है। सूतक के दौरान अन्न और भोजन का त्याग कर देना चाहिए। किसी प्रकार के नकारात्मक कार्य को करना निषेध माना जाता है। इस दौरान आध्यात्मिक चिंतन, ध्यान, रामचरितमानस का पाठ करें और शिव मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा, बचे हुए खाने में ग्रहण के दौरान तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए।

What to do during a lunar eclipse चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें
चंद्र ग्रहण के दौरान सिर्फ भगवान के मंत्रों का जप करना चाहिए, जो कि दस गुना फलदायी माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के बाद शुद्ध जल से स्नान करके गरीबों को दान करें, मंदिरों में जाकर पंडितों को वस्त्र दान करके दक्षिणा दें।
ग्रहण के समय गायों को घास, पक्षियों को अन्न, जरूरतमंदों को वस्त्र दान देने से अनेक गुना पुण्य प्राप्त होता है।
आचार्य पंडित सुधांशु तिवारी
प्रश्न कुण्डली विशेषज्ञ/ ज्योतिषाचार्य
सम्पर्क सूत्र:- 9005804317
