Edited By Sarita Thapa,Updated: 17 Jun, 2025 06:00 AM

Masik Kalashtami Vrat: हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी को खास और शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है।
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Masik Kalashtami Vrat: हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी को खास और शुभ माना जाता है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान काल भैरव को समर्पित है। हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा करने और व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रहती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाली हर परेशानी से छुटकारा मिलता है। यह दिन हमारे जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मकता और नई ऊर्जा का संचार करता है। तो आइए जानते हैं जून माह के कालाष्टमी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-
Kalashtami Shubh Muhurat कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि 18 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और इसका समापन 19 जून 2025 को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर होगा। चूंकि कालाष्टमी की पूजा रात में की जाती है, इसलिए व्रत 18 जून को रखा जाएगा।

Kalashtami Puja Vidhi कालाष्टमी पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
फिर घर के मंदिर में गंगाजल का छिड़काव करें और व्रत का संकल्प लें।
अब एक लाल चौकी में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें।
इसके बाद महादेव को सफेद रंग के फल, फूल और मिष्ठान अर्पित करें।
फिर शिव जी के मंत्रों, नामों का जाप करें और घी का दीपक जलाएं।
अंत में शिव और पार्वती की पूजा करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
