Masik Shivratri 2025: भोलेनाथ होंगे प्रसन्न ! जानिए मई की मासिक शिवरात्रि के 4 चमत्कारी मुहूर्त

Edited By Prachi Sharma,Updated: 21 May, 2025 12:18 PM

masik shivratri 2025

हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।

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Masik Shivratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। मई 2025 के महीने में खास बात यह है कि इस बार 4 शुभ मुहूर्त बन रहे हैं, जो मासिक शिवरात्रि की पूजा को और भी फलदायी बना सकते हैं। यह एक दुर्लभ संयोग है और धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत लाभकारी माना जा रहा है।

मासिक शिवरात्रि का महत्व
मासिक शिवरात्रि का धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्व होता है। यह व्रत और उपासना का दिन शिव भक्तों के लिए आत्मशुद्धि, पुण्य प्राप्ति और ईश्वर की कृपा प्राप्त करने का एक अवसर होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और रात्रि में शिव जी की विधिपूर्वक आराधना करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। महाशिवरात्रि तो साल में एक बार आती है लेकिन मासिक शिवरात्रि हर महीने मनाई जाती है। विशेष रूप से चतुर्दशी तिथि को रात्रि के समय शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध और धतूरा चढ़ाकर शिव जी की पूजा की जाती है।

मई 2025 में बन रहे हैं 4 शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि की तिथि:

मई 2025 में मासिक शिवरात्रि 26 मई 2025 को पड़ रही है। इस दिन चतुर्दशी तिथि रात्रि में आरंभ होगी और रात्रि जागरण के साथ शिव पूजा की जाएगी।

प्रदोष काल मुहूर्त:

ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 4 मिनट से 4 बजकर 45 मिनट तक और सूर्यास्त का समय शाम 7 बजकर 11 मिनट है।

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 58 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक।

गोधूलि मुहूर्त शाम 7 बजकर 9 मिनट से लेकर 7 बजकर 30 मिनट तक।

नीतिशा मुहूर्त विशेष रूप से रात 11 बजकर 22 मिनट से 12 बजकर 1 मिनट तक।

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मासिक शिवरात्रि व्रत विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु सूर्योदय से पहले स्नान कर व्रत का संकल्प लेते हैं। दिनभर व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल में शिवलिंग की पूजा करते हैं। रात्रि में चार प्रहर की पूजा का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को अलग-अलग सामग्री से अभिषेक किया जाता है:

प्रथम प्रहर: जल से अभिषेक

द्वितीय प्रहर: दूध से अभिषेक

तृतीय प्रहर: दही से अभिषेक

चतुर्थ प्रहर: शहद या गंगाजल से अभिषेक

इसके साथ ही बेलपत्र, धतूरा, भस्म, भांग, फल आदि चढ़ाए जाते हैं और ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप किया जाता है।

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धार्मिक लाभ
मासिक शिवरात्रि पर व्रत रखने से ग्रह दोषों का शमन होता है।

कुंडली में राहु, शनि या कालसर्प दोष हो तो इस दिन विशेष पूजन करने से राहत मिलती है।

जो भक्त विवाह में विलंब, संतान सुख की कामना या कर्ज से मुक्ति चाहते हैं, उन्हें मासिक शिवरात्रि पर व्रत और रात्रि जागरण अवश्य करना चाहिए।

इस दिन दान-पुण्य करने से सौ गुना फल प्राप्त होता है।

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