बुरे समय में साथ खड़े लोगों को न भूलें, जीवन में पाएंगे उन्नित

Edited By Updated: 08 Apr, 2022 01:47 PM

motivational concept

आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र अपनी उदारता के कारण लगभग कंगाल हो चुके थे। एक समय ऐसा आया कि

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आधुनिक हिन्दी साहित्य के पितामह भारतेंदु हरिश्चंद्र अपनी उदारता के कारण लगभग कंगाल हो चुके थे। एक समय ऐसा आया कि जब उनके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि आए हुए पत्रों का उत्तर भेज सकें। जो पत्र आते थे, उनके उत्तर लिखकर लिफाफे में बंद कर भारतेंदु जी मेज पर रख देते थे। उनकी मेज पर पत्रों की एक ढेरी एकत्र हो गई थी।

PunjabKesari,  Inspirational Theme, Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity

उनके एक मित्र ने उन्हें पांच रुपए के डाक टिकट लाकर दिए, तब वे पत्र लैटर बॉक्स में डाले गए। भारतेंदु ने मुसीबतों से हिम्मत नहीं हारी, जिसका परिणाम यह हुआ कि कुछ समय बाद उनकी स्थिति थोड़ी ठीक हुई। जब भी मदद करने वाला मित्र भारतेंदु से मिलता, तब-तब वह उसकी जेब में पांच रुपए डाल देते और कहते, ‘‘आपको स्मरण नहीं, आपके पांच रुपए मुझ  पर ऋण है।’’

मित्र ने एक दिन कहा, ‘‘मुझे अब आपसे मिलना बंद कर देना पड़ेगा।’’ भारतेंदु बाबू के नेत्र आंसुओं से भर गए। वह बोले, ‘‘भाई तुमने मुझे ऐसे समय पांच रुपए दिए थे कि मैं जीवनभर तुम्हें प्रतिदिन अब पांच रुपए देता रहूं, तो भी तुम्हारे ऋण से मुक्त नहीं हो सकता।’’

PunjabKesari,  Inspirational Theme, Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity

यह थी कृतज्ञता की पराकाष्ठा। अपने बुरे वक्त को मत भूलिए और बुरे वक्त में जिन लोगों ने आपकी मदद की उन्हें तो बिल्कुल मत भूलें। ऐसा करना आपके उन्नति मार्ग को प्रशस्त करता है।

PunjabKesari,  Inspirational Theme, Motivational Theme, Inspirational Story, Punjab Kesari Curiosity

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!