Edited By Prachi Sharma,Updated: 24 Feb, 2024 11:27 AM
एक राजा ने दरबार में सच्चे ज्ञान की खोज पर प्रश्न किया। मंत्री सहित सभी दरबारी राजा के प्रश्न पर
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Motivational Story: एक राजा ने दरबार में सच्चे ज्ञान की खोज पर प्रश्न किया। मंत्री सहित सभी दरबारी राजा के प्रश्न पर विचार करने लगे।
महामंत्री ने कहा, “महाराज, आपके प्रश्नों का जवाब केवल ऋषि ही दे सकते हैं।”
महामंत्री और राजा ऋषि की खोज में निकल पड़े। कई दिनों तक चलते-चलते वे एक कुटिया पर पहुंचे। उन्होंने देखा, एक वृद्ध व्यक्ति खेत में बीज बो रहा था।
राजा ने उस वृद्ध के निकट जाकर ऋषि के बारे में पूछा तो उस वृद्ध ने कहा, “बेटा, मैं ही ऋषि हूं।” उनकी सादगी देखकर राजा काफी प्रभावित हुआ। पूछा, “गुरु जी मेरे मन में तीन प्रश्न उठ रहे हैं, उनका जवाब देने की कृपा करें।”
ऋषि का आदेश पाकर राजा बोला, “सबसे अच्छा मित्र कौन है ? सबसे अच्छा समय और सबसे अच्छा काम क्या है ?”
ऋषि कुछ बोलने जा रहे थे कि वहां किसी के कराहने की आवाज आई। सभी उस दिशा में बढ़ चले। झाड़ियों और कांटों में घायल एक व्यक्ति कराह रहा था। राजा तुरन्त उस व्यक्ति की मदद करने लगा और ऋषि ने जो जड़ी-बूटी दी, उस व्यक्ति पर लगाने लगा।
वह व्यक्ति राजा के चरणों में सिर रखकर बुरी तरह रोने लगा और बोला, “महाराज, मुझे क्षमा कर दीजिए। मैं आपको मारने के इरादे से आपका पीछा कर रहा था। आपके परोपकारी स्वभाव ने मुझे पश्चाताप करने पर मजबूर कर दिया।”
उस घायल व्यक्ति के माफी मांगने पर राजा ने ऋषि से कहा, “गुरु जी आपने मेरे प्रश्नों का जवाब नहीं दिया।” इस पर ऋषि बोले, “पुत्र आपके दो प्रश्नों का जवाब तो मिल चुका है- सबसे अच्छा समय वर्तमान और सबसे अच्छा काम परोपकार है।
रहा सबसे अच्छा मित्र, तो वह आपका मन है जो हमेशा आपके साथ रहता है और सच्चे ज्ञान की खोज भी यही है।”