Edited By Niyati Bhandari,Updated: 13 Oct, 2025 02:00 PM
Mysterious temples in India: भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां के प्राचीन मंदिरों में छिपे रहस्य आज भी लोगों को मोहित करते हैं। इन मंदिरों के रहस्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि प्राचीन...
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Mysterious temples in India: भारत अपनी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां के प्राचीन मंदिरों में छिपे रहस्य आज भी लोगों को मोहित करते हैं। इन मंदिरों के रहस्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि प्राचीन वास्तुकला, ज्योतिष और पुरातात्विक दृष्टि से भी अध्ययन योग्य हैं। भारत के ये रहस्यमयी मंदिर धार्मिक आस्था और पर्यटन का केंद्र बने हुए हैं। संसार में जितनी अधिक भक्ति भारत में होती है उतनी कहीं किसी अन्य स्थान पर शायद ही होती है। भगवान के अधिकतर अवतार भी इसी पावन धरती पर हुए हैं। भारत में बहुत से मंदिर आस्था और श्रद्धा से जुड़े हैं लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जो रहस्यमयी हैं और उनके राज आज तक कोई नहीं जान पाया-
Amarnath Cave Temple, Jammu and Kashmir अमरनाथ गुफा मंदिर, जम्मू-कश्मीर- बर्फ़ में बनने वाले शिवलिंग के रहस्य और यहां की प्राकृतिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है।
Bhadrakali Temple, West Bengal भद्रकाली मंदिर, पश्चिम बंगाल- कहा जाता है कि मंदिर में रात के समय अदृश्य शक्तियों का अनुभव होता है।

Kal Bhairav Temple काल भैरव मंदिर- उज्जैन शहर से लगभग 8 कि.मी. की दूरी पर कालभैरव बाबा का मंदिर है। आपको जानकर हैरानी होगी की इन्हें प्रसाद के तौर पर केवल शराब ही अर्पित की जाती है। जब शराब का प्याला इनके विग्रह के मुंह से लगाया जाता है तो वह पल भर में खाली हो जाता है।
Stambheshwar Mahadev Temple स्तंभेश्वर महादेव मंदिर- गुजरात के भरूच जिला के जंबुसर तहसील में कावी-कंबोई समुद्र तट पर स्थित है स्तंभेश्वर महादेव मंदिर। इस मंदिर में कुमार कार्तिकेय ने एक शिवलिंग की स्थापना करी थी। इस शिवलिंग का सागर दिन में दो बार अभिषेक करता है। सागर का पानी इस कदर बढ़ जाता है की मंदिर पानी में डूब जाता है लेकिन कुछ ही देर में पानी उतर जाता है। माना जाता है की इस मंदिर का दर्शन करने से ही सभी संकट दूर हो जाते हैं।
Tavani Temple तवानी मंदिर- धर्मशाला से 25 कि.मी.की दूरी पर तवानी मंदिर अवस्थित है। यहां बहुत सारे गर्म पानी के झरने और कुंड हैं। इस कुंड का पानी गर्म कैसे होता है इस राज को आज तक कोई नहीं जान सका। शरीर के लिए ये जल बहुत उपयोगी होता है।

Mehandipur Balaji मेहंदीपुर बाला जी- सालासर बाला जी धाम हनुमान जी के 10 प्रमुख सिद्ध शक्ति पीठों में से सबसे महत्वपूर्ण स्थान है। मान्यता है की इस स्थान पर हनुमान जी जागृत अवस्था में विराजते हैं इसलिए यहां बुरी आत्माएं, भूत-पिशाच एक पल के लिए भी ठहर नहीं सकते। इस मंदिर में बहुत से चमत्कार होते हैं जिन्हें देखकर कोई भी हैरान रह जाता है।
Karni Mata Temple करणी माता मंदिर- राजस्थान के बिकानेर से 30 किलोमीटर दूर देशनोक शहर में स्थित है करनी माता मंदिर। जिसे चूहों वाली माता, चूहों वाला मंदिर और मूषक मंदिर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इस मंदिर में चूहों का साम्राज्य स्थापित है। माना जाता है कि मंदिर में रहने वाले चूहे करनी माता की संतति और वंशधर हैं। लोक कल्याण के लिए देवी दुर्गा का करनी माता के रूप में अवतरण हुआ था। वैसे तो यहां अत्यधिक काले चूहे ही हैं बहुत थोड़ी मात्रा में सफेद चूहे भी हैं। माना जाता है जिस किसी श्रद्धालु को सफेद चूहा दिख जाए उसकी मन्नत पूर्ण हो जाती है।

Jwala Devi Temple ज्वाला देवी मंदिर- कालीधार पहाड़ी के मध्य स्थित है ज्वाला देवी मंदिर जहां वर्षों से तेल-बाती के बिना स्वाभाविक रूप से नौ ज्वालाएं जल रही हैं। इनमें से प्रमुख ज्वाला चांदी के जाले के मध्य स्थित है, उन्हें महाकाली कहा जाता है। बाकी की आठ ज्वालाओं को मां अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विन्ध्यवासिनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका एवं अंजी देवी का रूप माना जाता है। कहते हैं कि मुसलमान बादशाह अकबर ने मां ज्वाला की शक्ति पर उंगली उठाई और ज्वाला को बुझाने का प्रयास किया लेकिन उसके सभी प्रयास विफल रहे।

Kamakhya Temple कामाख्या मंदिर- असम के शहर गुवाहाटी के पास सती का ये मंदिर 52 शक्ति पीठों में से एक है लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि आपको इस मंदिर में देवी सती या दुर्गा की एक भी मूर्ति देखने को नहीं मिलेगी। इस जगह देवी सती की योनि गिरी थी। इसी कारण इस मंदिर को कामाख्या कहा जाता है। तीन हिस्सों में बने इस मंदिर का पहला हिस्सा सबसे बड़ा है। यहां पर हर शख्स को जाने नहीं दिया जाता, वहीं दूसरे हिस्से में माता के दर्शन होते हैं, जहां एक पत्थर से हर समय पानी निकलता है। वैसे कहा जाता है कि महीने में एक बार इस पत्थर से खून भी निकलता है।