Edited By ,Updated: 21 May, 2017 10:44 AM
कल सोमवार 22 मई को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पड़ रही है। जिसे अपरा नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और
कल सोमवार 22 मई को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पड़ रही है। जिसे अपरा नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और उनके अवतारों के पूजन का विधान है। सोमवार को एकादशी का शुभ योग होने से भगवान विष्णु के साथ-साथ शिव जी के खास पूजन का भी विधान है। भगवान शिव अनादि व अनंत हैं अर्थात न तो कोई भगवान शिव के प्रारंभ के बारे में जानता है और न ही कोई अंत के बारे में, इसलिए इन्हें अजन्मा और अनश्वर भी कहते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव सिर्फ एक लोटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाते हैं। शिवपुराण की रुद्र संहिता में भगवान शिव का विभिन्न पुष्पों से पूजन करने तथा उनसे प्राप्त होने वाले फलों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
लाल व सफेद आंकड़े के फूल से शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।
अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
शमी पत्रों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
बेला के फूल से पूजन करने पर शुभ लक्षणों से युक्त पत्नी मिलती है।
जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
कनेर के फूलों से शिव का पूजन करने से नवीन वस्त्रों की प्राप्ति होती है।
हरसिंगार के पुष्पों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
धतूरे के पुष्प से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं जो कुल का नाम रोशन करता है।
लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।
दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।
एकादशी के दिन जो जातक भगवान विष्णु का कमल के फूलों द्वारा पूजन करता है, उसे जगत पिता ब्रह्मा, श्री विष्णु सहित तीनों लोकों को पूजने का फल मिलता है।
व्यवसायिक सफलता के लिए श्री कृष्ण पर नीले फूल चढ़ाएं।
हानि से बचने के लिए भगवान विष्णु के चित्र पर पीले फूल चढ़ाएं।