Edited By Niyati Bhandari,Updated: 08 Sep, 2025 06:46 AM

Pitru Paksha 2025 Dates: स्कंद पुराण के अनुसार पितरों के आशीर्वाद से कुछ भी असम्भव नहीं है। जहां पितरों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास है। माता-पिता की सेवा करने वाले पुत्र पर भगवान विष्णु की अपार कृपा सदा बनी रहती है। पुत्रों के लिए माता-पिता...
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Pitru Paksha 2025 Dates: स्कंद पुराण के अनुसार पितरों के आशीर्वाद से कुछ भी असम्भव नहीं है। जहां पितरों की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास है। माता-पिता की सेवा करने वाले पुत्र पर भगवान विष्णु की अपार कृपा सदा बनी रहती है। पुत्रों के लिए माता-पिता से बढ़कर दूसरा कोई तीर्थ नहीं है। जो सच्ची भावना से अपने पितरों के निमित्त विधिवत श्राद्ध करते हैं उनके घर में आयु, संतान सुख, समृद्धि एवं खुशहाली बनी रहती है। उनके घर में धन वैभव बना रहता है। शास्त्रों के अनुसार पितरों के चरणों में स्वर्ग है- जिसने इस बात को जान लिया है वह सदा ही न केवल अपने घर के बुजुर्गों का आदर-सम्मान करता है बल्कि पितरों को प्रसन्न करने के लिए विधिवत श्राद्ध कर्म करके उनका अनमोल आशीर्वाद प्राप्त करता है।
पितृ पक्ष के 16 दिनों में जहां तक हो सके हरि नाम का जाप करें। अधिक से अधिक कथा अथवा कीर्तनों में बाग लें। संभव न हो तो पितरों की प्रसन्नता के लिए गीता जी का पाठ घर पर करें।

ये है पहले श्राद्ध से लेकर सर्व पितृ अमावस्या तक की पूरी तिथियां
7 सितंबर रविवार- पूर्णिमा का श्राद्ध (अपराह्न 12:50 से पहले)
8 सितंबर सोमवार- प्रतिपदा का श्राद्ध
9 सितंबर मंगलवार- द्वितीय का श्राद्ध
10 सितंबर बुधवार - तृतीया का श्राद्ध
11 सितंबर गुरुवार- चतुर्थी का श्राद्ध
12 सितंबर शुक्रवार- पंचमी एवं षष्ठी का श्राद्ध
13 सितंबर शनिवार- सप्तमी का श्राद्ध
14 सितंबर रविवार- अष्टमी का श्राद्ध
