Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Jan, 2024 01:08 PM
कल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप में श्यामल पत्थर से तैयार थी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा रहा है कि रामलला की मूर्ति काली
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Ram lalla Idol: कल 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हुई। भगवान राम की मूर्ति बाल स्वरूप में श्यामल पत्थर से तैयार थी। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठा रहा है कि रामलला की मूर्ति काली या श्यामल क्यों हैं ? इस मूर्ति को लेकर लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। ऐसे में अगर आपके मन में भी यही सवाल उठ रहा है तो जानें राम लला की मूर्ति का रंग काला क्यों हैं और साथ ही इसकी खास बातें-
दरअसल, रामलला की मूर्ति का निर्माण जिस पत्थर से हुआ है। इस काले पत्थर को कृष्ण शिला भी कहा जाता है। इस वजह से भी रामलला की मूर्ति श्यामल है। इस पत्थर में कई गुण हैं। वह पत्थर कई मायनों में बेहद खास भी है।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय राम लला का दूध से अभिषेक कराया गया। जाहिर सी बात है इस दूध को फेंका तो नहीं जा सकता है। ऐसे में रामलला की मूर्ति के निर्माण में इस पत्थर का उपयोग करने के पीछे एक वजह ये भी है कि जब रामलला का दूध से अभिषेक होगा तो दूध के गुण में पत्थर की वजह से कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही इस दूध का प्रयोग करने पर स्वास्थ्य पर कोई गलत असर नहीं पड़ेगा।
इसके अलावा इस खास पत्थर की ये भी विशेषता है कि ये हजार से भी अधिक वर्षों तक यूं ही रह सकता है यानी कि इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
इसके अलावा वाल्मीकि रामायण में भगवान राम के स्वरूप को श्याम वर्ण में ही वर्णित किया गया है इसलिए, यह भी एक वजह है कि रामलला की मूर्ति का रंग श्यामल है। साथ ही रामलला का श्यामल रूप में ही पूजन होता है। ये ही धर्म नगरी अयोध्या में काले राम नामक एक प्रसिद्ध मंदिर भी हैं।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री रामलला की जो मूर्ति बनी है, वह पांच वर्ष के बालक का स्वरूप है। उन्होंने बताया कि मूर्ति 51 इंच की है और रामलला की मूर्ति का निर्माण काले पत्थर से हुआ है। रामलला की मूर्ति में भगवान के कई अवतारों को दर्शाया गया है।