Edited By Prachi Sharma,Updated: 23 Jan, 2024 08:08 AM
विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से रामपुर स्थित प्राचीन हनुमान घाट मंदिर में 181 वर्ष बाद भगवान श्रीराम मूर्ति की शोभायात्रा निकाली गई। वर्ष 1843 में राजा महेंद्र सिंह
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रामपुर बुशहर (नोगल): विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से रामपुर स्थित प्राचीन हनुमान घाट मंदिर में 181 वर्ष बाद भगवान श्रीराम मूर्ति की शोभायात्रा निकाली गई। वर्ष 1843 में राजा महेंद्र सिंह साहिब बहादुर सिंह के शासनकाल में बने इस मंदिर की मूर्ति को अयोध्या से लाकर स्थापित किया गया था। इस मंदिर में हनुमान के साथ भगवान श्रीराम विराजमान हैं।
हनुमान घाट से निकली इस शोभायात्रा को रामपुर बाजार से निकाला गया, जिसमें कांग्रेस विधायक नंद लाल एवं भाजपा कार्यकर्त्ता शामिल हुए। इस दौरान श्री सत्य नारायण मंदिर में रामलला का स्वागत करने के साथ विशेष भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया। विश्व हिंदू परिषद के नगर अध्यक्ष विष्णु शर्मा के अनुसार भगवान श्रीराम की यह शोभायात्रा 181 वर्ष बाद निकाली गई, जिसमें सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
मंदिर के पुजारी रविंद्र भारद्वाज के अनुसार प्राचीन हनुमान घाट स्थित मंदिर में स्थापित मूर्ति को अयोध्या से लाया गया था। उन्होंने कहा कि यह इकलौता मंदिर है, जहां पर हनुमान के साथ भगवान श्रीराम विराजमान हैं।