Edited By Sarita Thapa,Updated: 27 Sep, 2025 06:00 AM

सनातन धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। साल में दो प्रमुख नवरात्रि मनाई जाती है- चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ उनके मंत्रों और नामों का जाप करते हैं।
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Shardiya Navratri 2025: सनातन धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है। साल में दो प्रमुख नवरात्रि मनाई जाती है- चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। इन नौ दिनों के दौरान भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ उनके मंत्रों और नामों का जाप करते हैं। नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी के अलग-अलग स्वरूप की आराधना के लिए समर्पित होता है, और इसी क्रम में नौवें दिन आने वाली तिथि को महानवमी कहा जाता है। नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के आखिरी स्वरूप सिद्धिदात्री देवी की पूजा की जाती है। महानवमी के दिन कन्या पूजन का भी खास महत्व है। कन्या पूजन मां दुर्गा के नौ रूपों की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ मार्ग है। कन्या पूजन को बिना नवरात्रि की साधना अधूरी मानी जाती है। कन्या पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि, वैभव और दिव्य आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। तो आइए जानते हैं महानवमी के शुभ मुहूर्त और कन्या पूजन के नियम का बारे में-
Mahanavami 2025 Date and Shubh Muhurat महानवमी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि की शुरुआत 30 सितंबर को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर होगी और इसका समापन 01 अक्टूबर को रात 07 बजकर 01 मिनट पर होगा। इस बार 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी।

Kanya Pujan Rules कन्या पूजन के नियम
कन्या पूजन के लिए घर के मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें।
कन्या पूजन में दो वर्ष से दस वर्ष तक की आयु की कन्याओं का पूजन करना चाहिए।
पूजन से पहले कन्याओं के चरण धोकर उन्हें स्वच्छ आसन पर बैठाना चाहिए।
कन्याओं को कुमकुम, अक्षत, पुष्प अर्पित कर उनकी आरती करें।
कन्याओं को पूड़ी, हलवा और चना खिलाएं।
अंत में उन्हें वस्त्र, दक्षिणा और उपहार देकर आशीर्वाद लेकर विदा करें।
