Edited By Sarita Thapa,Updated: 25 Oct, 2025 02:00 PM

वैसे तो दुनिया भर में देवों के देव महादेव के बहुत से मंदिर हैं। शिव जी का हर मंदिर अपनी अनोखी परंपरा और चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Shri Bhav Bhaveshwar Kamnath Mahadev Temple: वैसे तो दुनिया भर में देवों के देव महादेव के बहुत से मंदिर हैं। शिव जी का हर मंदिर अपनी अनोखी परंपरा और चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है। एक ऐसा ही शिव मंदिर राजस्थान के सिकर जिले में स्थापित है। सिकर स्थित शिव मंदिर में विशाल शिवलिंग भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि इसकी नियमित पूजा-अर्चना करने से विशेष रूप से कुंवारे युवक और युवतियों को विवाह के अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं।
इसके अलावा मंदिर के पास ही मंशा माता का एक प्राचीन मंदिर भी मौजूद है। मान्यता है कि अगर माता जी को झाड़ू अर्पित किया जाए, तो नकारात्मक शक्तियां और बुरी ऊर्जा दूर होती हैं, जिससे घर और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। यहां आने वाले श्रद्धालु न केवल अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आते हैं, बल्कि आध्यात्मिक शांति और जीवन में खुशहाली पाने के लिए भी इस शिवलिंग की उपासना करते हैं।

नंदी के कान में कही जाती है मनोकामना
सीकर जिले में स्थित शिव जी के मंदिर में राजस्थान का दूसरा सबसे विशाल शिवलिंग है। इस शिवलिंग के सामने की नंदी जी की मूर्ति स्थापित है। शिवलिंग के दर्शन करने के बाद नंदी जी के कान में कही हुई अपनी इच्छा सीधा भगवान शिव तक पहुंच जाती है। शिव जी को खुश करने के लिए उन्हें बेलपत्र, धतूरा, भांग, दूध, आक के फूल अर्पित करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने के कुंवारे युवक-युवतियों की हर मनोकामना पूरी होती है और मनचाहा वर-वधू की प्राप्ति होती है।

मंदिर में होती है विशेष पूजा-अर्चना
सिकर के श्री भाव भावेश्वर कामनाथ महादेव मंदिर में शिव जी की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। पूर्णिमा के दिन इस मंदिर में भगवान शिव का भस्म से श्रृंगार किया जाता है और इस दिन होने वाली भस्म आरती पूरे सिकर जिले में बहुत मशहूर है। माना जाता है कि इसी भस्म आरती में कुंवारे लड़के और लड़कियों के शामिल होने से उनका कुछ ही दिनों में रिश्ता पक्का हो जाता है। इसके अलावा शिवरात्रि के दिन भी इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।
