Edited By Prachi Sharma,Updated: 28 Aug, 2025 06:00 AM

Shukra Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाने वाला एक विशेष उपवास होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को आता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में, भाद्रपद मास...
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Shukra Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में भगवान शिव की आराधना के लिए किया जाने वाला एक विशेष उपवास होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को आता है, जो शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में, भाद्रपद मास का अंतिम प्रदोष व्रत विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह समय शिव भक्तों के लिए आध्यात्मिक उन्नति और विशेष फल देने वाला माना जाता है। भाद्रपद मास का अंतिम प्रदोष व्रत 2025 में 5 सितंबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। यह दिन विशेष रूप से सोम प्रदोष के रूप में जाना जाएगा क्योंकि यह सोमवार को पड़ रहा है जो स्वयं भगवान शिव को समर्पित दिन होता है।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत का प्रमुख काल प्रदोष काल होता है, जो सूर्यास्त के बाद लगभग 1.5 घंटे तक रहता है। यही समय भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
प्रदोष व्रत तिथि आरंभ: 5 सितंबर 2025 को सुबह 04 बजकर 08 मिनट
प्रदोष व्रत तिथि समाप्त: 5 सितंबर 2025 को देर रात 03 बजकर 12 मिनट पर तक।
पूजा का समय- शाम 6 बजकर 38 मिनट से लेकर 08 बजकर 55 मिनट तक।

Shukra Pradosh fast will be kept in auspicious yoga शुभ योग में रखा जाएगा शुक्र प्रदोष व्रत
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार प्रदोष व्रत पर बहुत ही शुभ संयोग बनने जा रहा है, जिस वजह से इस दिन की खासियत और भी ज्यादा बढ़ गई है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का निर्माण होगा। इसके साथ ही शिववास का भी निर्माण होगा। इस दौरान जो भी व्यक्ति पूजा-पाठ करता है, उसे जीवन में तरक्की देखने को मिलती है।
