ग्रहों से Good luck की इच्छा रखने वाले, पहनें इन रंगों के परिधान

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 02 Sep, 2023 10:23 AM

significance of colors in astrology

पौराणिक ग्रंथों में श्रीकृष्ण और श्रीराम को पीतांबरी अर्थात पीले रंग के वस्त्र पहने हुए देखा है। मां भगवती दुर्गा और लक्ष्मीजी लाल परिधान पहने हुए दिखाई देती हैं। मां सरस्वती के श्वेत परिधान हैं। साधु-संन्यासी

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Astrological Tips: पौराणिक ग्रंथों में श्रीकृष्ण और श्रीराम को पीतांबरी अर्थात पीले रंग के वस्त्र पहने हुए देखा है। मां भगवती दुर्गा और लक्ष्मीजी लाल परिधान पहने हुए दिखाई देती हैं। मां सरस्वती के श्वेत परिधान हैं। साधु-संन्यासी प्राय: भगवा वस्त्र धारण करते हैं। ज्योतिषशास्त्र की दृष्टि से देखें तो ग्रहों के रंगों के अनुसार ही विभिन्न प्रकार के रत्नों के रंग हैं। इन रत्नों के धारण करने से ग्रहों की अनुकूलता मिलती है।

वास्तव में इन सबके पीछे रंगों का मनोवैज्ञानिक अर्थ है। रंगों का ज्योतिष, एवं धार्मिक परंपराओं में महत्त्वपूर्ण स्थान है। सूर्य के श्वेत उज्ज्वल प्रकाश में सात रंग अंतर्निहित होते हैं। लाल, पीला, आसमानी, हरा, नीला तथा बैंगनी। जन्मकालीन ग्रहों की प्रबल या निर्बल अवस्था के अनुरूप इन ग्रहों की रश्मियां मनुष्य के जीवन पर सकारात्मक अथवा नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इसी कारण हर व्यक्ति का भाग्य दूसरे से भिन्न होता है।

PunjabKesari Significance of Colors in Astrology

दैनिक उपयोग में आने वाली चीजों में किन रंगों का प्रयोग किया जाए, इसकी जानकारी सर्व साधारण को नहीं होती। जीवन में अनुकूल रंगों को प्रयोग में लाकर न केवल हम भाग्य को बलवान बना सकते हैं, बल्कि प्राकृतिक तौर पर रंगों से लाभान्वित हो सकते हैं।

सफेद: यह पवित्रता, शुद्धता, शांति, विद्या, नीति एवं सत्यता का प्रतीक है। इसके प्रयोग से मन की चंचलता समाप्त, व्यक्ति की सोच सकारात्मक बनती है। सफेद रंग पसंद करने वाला व्यक्ति संयमी, सहनशील व शुद्धता का ध्यान रखने वाला एवं सात्विक विचारों का होता है। विद्यार्थियों के लिए यह रंग शुभ फलदायी है।

लाल: लाल रंग ऊर्जा, स्फूर्ति, शक्ति, महत्त्वाकांक्षा, उत्तेजना, क्रोध, पराक्रम, बल व उत्साह का द्योतक है, जो अनुकूल परिणाम, सफलता, संघर्षों से जूझना और खतरों से खेलने में साहस प्रदान करता है। यह स्नायु व रक्त की क्रियाशीलता को बढ़ाता है। एड्रीनल ग्रंथि एवं संवेदी तंत्रिकाओं को उत्तेजित करता है। क्रोधी, चिड़चिड़े व हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग इस रंग के प्रयोग से बचें। शारीरिक दुर्बलता, मानसिक क्षीणता, भय, तथा नपुंसकता को दूर करने के लिए लाल रंग का प्रयोग लाभदायक है।

नीला: यह रंग स्नेह, शांति, सौजन्य, पवित्रता, बल, पौरुष और वीर-भाव का परिचायक है। यह व्यक्ति को सत्यभाषी, धार्मिक और धैर्यवान बनाता है। इस रंग में प्रेम-माधुर्य, त्याग, कोमलता, अनुराग और विश्वास आदि भाव निहित हैं। यह रंग रक्त संचार को ठीक रखता है। नीले रंग की बोतल में पानी भरकर पीने से एवं इस रंग के प्रयोग से हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, दमा, श्वास के रोग, स्नायु तंत्र व आंखों के रोग दूर होते हैं।

पीला: पीला रंग आनंद, एश्वर्य, र्कीत, भव्यता, सुख, योग्यता एवं एकाग्रता का परिचायक है। हल्का अथवा मिश्रित पीला रंग दरिद्रता व बीमारी का सूचक है। मांसपेशियों को मजबूत बनाए रखने एवं पाचन तंत्र को ठीक रखने में इसका प्रयोग लाभदायक है, किंतु अधिक समय तक इसके प्रयोग से पित्त दोष उत्पन्न हो सकता है। पीला रंग पसंद करने वाले व्यक्ति प्रशंसा के भूखे, बातों को बढ़ा-चढ़ाकर कहने वाले, लोगों की टीका-टिप्पणी पर ध्यान न देने वाले तथा कुछ डरपोक होते हैं।

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हरा: हरा रंग व्यक्ति के राजसी ठाठ, निरंकुश प्रवृत्ति की ओर संकेत करता है। यह रंग मन को प्रसन्नता, ताजगी, हृदय को शीतलता, सुख-शांति व नेत्रों को ठंडक प्रदान करता है। इसे पसंद करने वाले व्यक्ति हास्य प्रिय, चंचल, सक्रिय व आत्मविश्वासी होते हैं। इसके प्रयोग द्वारा नाड़ी संबंधी रोग, आमाशय, आंतों, वाणी, जिह्वा व लीवर के रोग दूर किए जा सकते हैं। हरा रंग हृदय में उत्तम भावनाओं को विकसित कर तनाव से छुटकारा दिलाता है।

नारंगी: यह लाल व पीले रंग का सम्मिश्रण है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। रक्तचाप को सामान्य बनाए रखता है। यह जीवन में ऊर्जा व बल प्रदान करता है। आलस्य का नाश करता है। इस रंग को पसंद करने वाले व्यक्ति नर्म दिल, दयालु, लगन से काम करने वाले, व्यर्थ वाद-विवाद न करने वाले तथा धीरे-धीरे मित्रता को विकसित करने वाले होते हैं। यह रंग धार्मिकता, आध्यात्मिकता, दार्शनिकता एवं साधना का परिचायक है।

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काला: सभी रंगों के सम्मिश्रण से तैयार काला रंग रंगों की सत्ता को नकारता है तथा विमुखता व्यक्त करता है। यह रंग बदला, घृणा तथा द्वंद्व की ओर संकेत करता है। काला रंग पसंद करने वाले व्यक्ति परिस्थितियों के विरुद्ध विद्रोह करने एवं हार न मानने की क्षमता रखते हैं। न्याय व समर्पण की भावना रखने वाले ये लोग समय आने पर सबको तिलांजलि देने से भी नहीं चूकते। तामसिक प्रवृत्ति का यह रंग सुरक्षात्मक कवच के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है।

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