सिंह राशि की असली पहचान: क्या कहते हैं ग्रह, नक्षत्र और भाग्य

Edited By Updated: 12 Jun, 2025 07:00 AM

जिन लोगों का नाम अंग्रेजी के शब्द K,S, M से या T से शुरू होता है। इनकी राशि का स्वामी है सूर्य। सूर्य यानी कि ग्रहों का राजा, सत्ता, डोमिनेंस और कॉन्फिडेंस होता है। जब राशि का स्वामी ही सूर्य हो जाए तो यह अपने आप नेचुरली ही आ जाता है।

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जिन लोगों का नाम अंग्रेजी के शब्द K,S, M से या T से शुरू होता है। इनकी राशि का स्वामी है सूर्य। सूर्य यानी कि ग्रहों का राजा, सत्ता, डोमिनेंस और कॉन्फिडेंस होता है। जब राशि का स्वामी ही सूर्य हो जाए तो यह अपने आप नेचुरली ही आ जाता है। आप में और यह जातक अपने कॉन्फिडेंस के कारण ही लाइफ में नई ऊंचाइयां छूते हैं। इन्हें आगे बढ़ने के लिए किसी के एहसान की जरूरत नहीं पड़ती यह अपने रास्ते खुद ही बना लेते हैं। सिंह राशि का सिंबल शेर है यानी कि लियो शेर हमेशा खुद शिकार करने में विश्वास रखता है और यह जातक भी खुद की मेहनत पर आगे बढ़ना पसंद करते हैं। ऐसे जातक जहां भी काम करते हैं इनका अलग ही प्रभाव नजर आता है और यह भीड़ से अलग से पहचाने जाते हैं। सिंह राशि स्थिर राशि होने के कारण इनके स्वभाव में स्थिरता रहती है। यह अक्सर किसी भी बात को लेकर धारणा बना लें तो उसे पक्का कर लेते हैं। जिसका कई बार इन्हें नुकसान उठाना पड़ता है लेकिन सिंह राशि के जातक बहुत अच्छे दोस्त होते हैं। जिसके साथ ये दोस्ती करते हैं उसे अपनी तरफ से कभी नहीं छोड़ते क्योंकि यह क्रूर और सूर्य की राशि है। इसलिए इन्हें गुस्सा भी बहुत जल्दी आता है और यह गुस्सा कई बार इनके लिए बड़े नुकसान की वजह बन जाता है और गुस्से में ही यह वित्तीय नुकसान के साथ-साथ कई बार रिलेशनशिप में भी नुकसान उठाते हैं। यह मतलबी नहीं होते और इन्हें देना बहुत अच्छा लगता है क्योंकि सूर्य ने क्या आज तक किसी से कुछ लिया है।

यह क्षत्रिय राशि है और इनमें क्षत्रियों वाले सारे गुण होते हैं और यह किसी भी परिस्थिति का सामना खुद करने में यकीन करते हैं। इस राशि की दिशा पूर्व होने के कारण सिंह राशि के जातकों को अक्सर ईस्ट साइड का घर और ईस्ट साइड की यात्रा खूब रास आती है। सिंह राशि दीपावली राशि है लिहाजा इन्हें दिन के समय ज्यादा एक्टिव पाया जा सकता है यानी कि सूर्य के उदय रहने के दौरान इनकी बॉडी और माइंड ज्यादा एक्टिव रहते हैं। करियर और पैसे की इस राशि के जातक मघा और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र के अलावा सूर्य के उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के पहले चरण में पैदा होते हैं। मघा नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक सूर्य की दशा में करियर शुरू करते हैं और इनके लिए चंद्रमा और मंगल की महादशा के 17 साल बहुत अहम होते हैं और मंगल इनकी कुंडली में भाग्य स्थान के स्वामी होने के नाते लाइफ में नई ऊंचाई देते हैं। जबकि जिन जातकों का जन्म शुक्र के पूर्व  फाल्गुनी  या सूर्य के उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में होता है। उनके लिए मंगल और राहु दोनों ग्रह करियर में बड़ी भूमिका निभाते हैं। कुल मिलाकर इन्हें करियर के लिहाज से चंद्रमा मंगल और राहु इनके लिए बहुत बड़ी अहमियत रखते हैं। यदि कुंडली में राहु की प्लेसमेंट आठवें और 12वें भाव में नहीं है, तो यह लोग लाइफ में बहुत राइज़ करते हैं। अगर राहु की स्थिति कुंडली में खराब हो तो इन्हें करियर में बहुत स्ट्रगल करना पड़ता है। इसके अलावा बुध इनके लिए आय और धन दोनों भाव के स्वामी हो जाते हैं। बुध केंद्र या त्रिकोण भाव में मौजूद हो तो सिंह राशि के जातक जीवन में अच्छा धन संचित करते है यानी कि वेल्थ अच्छी क्रिएट कर लेते हैं।

रिलेशनशिप- इन राशि के जातकों की उन राशियों के साथ ज्यादा बनती है जिनके स्वामी चंद्रमा, मंगल या गुरु है यानी कि मेष राशि, कर्क राशि, वृश्चिक राशि, धनु राशि और मीन राशि के जातकों के साथ इनकी अच्छी अंडरस्टैंडिंग हो जाती है। सिंह राशि के जातकों के लिए सातवें भाव में शनि की कुंभ राशि आती है और यह क्रूर राशि है। लिहाजा इनका पार्टनर भी स्वभाव में इनकी तरह थोड़ा क्रूर होता है और पार्टनर के पश्चिम दिशा में मिलने की संभावना ज्यादा रहती है।

हेल्थ- यह अग्नि तत्व की राशि है। इसके कारण इनकी बॉडी में एक्सेस हीट से संबंधित बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लिहाजा यदि ऐसे जातकों को हल्का बुखार भी आ जाए तो उसे हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा इन्हें अक्सर स्वेटिंग की शिकायत रहती है और सिंह राशि के जातक डिहाइड्रेशन का भी जल्दी शिकार हो जाते हैं। ऐसे जातकों को अपनी बॉडी हीट को बैलेंस रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए ताकि इन्हें कोई समस्या न आए।

उपाय- सिंह राशि के जातकों के लिए मंगल जो है वह भाग्य स्थान के स्वामी बनते हैं। यहां नाइंथ हाउस में मेष राशि आ जाती है  और गुरु वह पंचम स्थान के स्वामी हो जाते हैं। धनु राशि के स्वामी सूर्य के जो स्टोन रूबी के अलावा यह जातक मंगल का मूंगा और गुरु का पुखराज भी धारण कर सकते हैं। लेकिन कोई भी स्टोन धारण करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि जिस ग्रह का आप स्टोन धारण कर रहे हैं। वह कुंडली में छठे, आठवें, 12वें भाव में या मारक स्थान में यानी कि दूसरे और तीसरे भाव में नहीं होना चाहिए। इसके अलावा किसी छात्र की स्टडी में मदद करना फलदार पेड़ लगाकर उसकी सेवा करना भी अच्छा है।  रविवार के दिन आप गुड़ गेहूं अथवा घी का दान कर सकते हैं। यदि आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं, तो सिंह राशि के जातक बारामुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। इससे खासतौर पर त्वचा आंखों की रोशनी से संबंधित बीमारियों के अलावा ब्लड प्रेशर से संबंधित बीमारियों में भी मदद मिलती है।

नरेश कुमार
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