Edited By Sarita Thapa,Updated: 30 Jun, 2025 06:52 AM

Skanda Sashti 2025: हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का बहुत खास महत्व है। यह दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। 30 जून यानी आज के दिन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि मनाई जाएगी।
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Skanda Sashti 2025: हिंदू धर्म में स्कंद षष्ठी का बहुत खास महत्व है। यह दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। 30 जून यानी आज के दिन आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने और व्रत रखने से साहस, ऊर्जा और आत्मबल की प्राप्ति होती है। साथ ही यह दिन विशेष रूप से उन भक्तों के लिए शुभ माना जाता है, जो अपने जीवन से कष्टों और बाधाओं को दूर करना चाहते हैं। तो आइए जानते हैं आषाढ़ माह की स्कंद षष्ठी के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में-

Skanda Sashti Puja Shubh Muhurat स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि की शुरुआत 30 जून को सुबह 09 बजकर 23 मिनट पर होगी और इसका समापन 01 जुलाई को सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर होगा। इसलिए उदया तिथि के अनुसार, स्कंद षष्ठी का पर्व 30 यानी आज के दिन मनाया जाएगा।

Skanda Sashti Vrat Puja Vidhi स्कंद षष्ठी पूजा विधि
स्कंद षष्ठी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
फिर घर के मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
अब एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान कार्तिकेय की मूर्ति स्थापित करें।
उसके बाद कार्तिकेय जी को रोली, अक्षत, चंदन, फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य, फल, पंचामृत, तुलसी और मिठाई अर्पित करें।
फिर कार्तिकेय जी को चंदन, रोली और अक्षत से तिलक करें और केवड़े का फूल या लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
इसके बाद स्कंद षष्ठी व्रत कथा पढ़ें और भगवान कार्तिकेय के मंत्रों का जाप करें।
अंत में कार्तिकेय जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
