ऐसे भी उतर सकता है पितरों का ऋण, जानते हैं आप?

Edited By Updated: 20 Jul, 2020 04:34 PM

sri madh bhagwat geeta in hindi

सङ्करो नरकायैव कुलघ्रानां कुलस्य च। पतन्ति पितरो ह्यषां लुप्तपिण्डोदकक्रिया:॥ अनुवाद: अवांछित संतानों की वृद्धि से निश्चय ही परिवार के लिए तथा पारिवारिक परम्परा को विनष्ट करने वालों के लिए नारकीय जीवन उत्पन्न होता है

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सङ्करो नरकायैव कुलघ्रानां कुलस्य च।
पतन्ति पितरो ह्यषां लुप्तपिण्डोदकक्रिया:॥

अनुवाद: अवांछित संतानों की वृद्धि से निश्चय ही परिवार के लिए तथा पारिवारिक परम्परा को विनष्ट करने वालों के लिए नारकीय जीवन उत्पन्न होता है। ऐसे पतित कुलों के पुरखे (पितर लोग) गिर जाते हैं क्योंकि उन्हें जल तथा पिंड दान देने की क्रियाएं समाप्त हो जाती हैं।

तात्पर्य: सकाम कर्म के विधि-विधानों के अनुसार कुल के पितरों को समय-समय पर जल तथा पिंडदान दिया जाना चाहिए। यह दान विष्णु पूजा द्वारा किया जाता है क्योंकि विष्णु को अर्पित भोजन के उच्छिष्ट भाग (प्रसाद) के खाने से सारे पापकर्मों से उद्धार हो जाता है। कभी-कभी पितरगण विविध प्रकार के पापकर्मों से ग्रस्त हो सकते हैं और कभी-कभी उनमें से कुछ को स्थूल शरीर प्राप्त न हो सकने के कारण उन्हें प्रेतों के रूप में सूक्ष्म शरीर धारण करने के लिए बाध्य होना पड़ता है।

अत: जब वंशजों द्वारा पितरों को बचा प्रसाद अर्पित किया जाता है तो उनका प्रेतयोनि या अन्य प्रकार के दुखमय जीवन से उद्धार होता है। पितरों को इस तरह की सहायता पहुंचाना कुल परम्परा है और जो लोग भक्ति या जीवनयापन नहीं करते उन्हें ये अनुष्ठान करने होते हैं। केवल भक्ति करने से मनुष्य सैंकड़ों क्या हजारों पितरों को ऐसे संकटों से उबार सकता है। भागवत में (11.4.41.) कहा गया है कि, ‘‘जो पुरुष अन्य समस्त कर्तव्यों को त्याग कर मुक्ति के दाता मुकुंद के चरणकमलों की शरण ग्रहण करता है और इस पथ पर गंभीरतापूर्वक चलता है वह देवताओं, मुनियों, सामान्य जीवों, स्वजनों, मनुष्यों या पितरों के प्रति अपने कर्तव्य या ऋण से मुक्त हो जाता है।’’ 

श्री भगवान की सेवा करने से ऐसे दायित्व अपने आप पूरे हो जाते हैं। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!