Edited By Sarita Thapa,Updated: 13 Dec, 2025 01:53 PM

एक राजा शिकार के लिए जंगल गए। वहां एक हिरन के पीछे उन्होंने अपना घोड़ा दौड़ाया। हिरन जंगल से निकलकर पहाड़ी की ओर भाग निकला। राजा उसके पीछे-पीछे चलते हुए अचानक एक पहाड़ी गांव में जा पहुंचे।
Best Motivational Story: एक राजा शिकार के लिए जंगल गए। वहां एक हिरन के पीछे उन्होंने अपना घोड़ा दौड़ाया। हिरन जंगल से निकलकर पहाड़ी की ओर भाग निकला। राजा उसके पीछे-पीछे चलते हुए अचानक एक पहाड़ी गांव में जा पहुंचे। वहां वह एक मूर्तिकार को मूर्तियां बनाते देख ठिठक गए। इतनी सुंदर मूर्तियां उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थीं। राजा ने मूर्तिकार से कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि तुम मेरी भी एक सुंदर मूर्ति बना दो।’’
मूर्तिकार ने कहा, ‘‘ठीक है महाराज। मैं आपकी मूर्ति अवश्य बनाऊंगा।’’
उसने राजा की मूर्ति बनाने का काम शुरू कर दिया। कई दिन बीत गए पर मूर्ति तैयार नहीं हुई। मूर्तिकार रोज मूर्ति बनाता और उसे तोड़ देता, फिर बनाता और फिर तोड़ देता। लेकिन जैसी मूर्ति वह बनाना चाहता था, वैसी उससे बन नहीं पा रही थी। अंत में वह निराश होकर मूर्तियों के पास ही बैठ गया। अचानक उसकी नजर दीवार पर चढ़ रही एक चींटी पर पड़ी जो बार-बार गिरी जा रही थी।

वह चींटी दरअसल एक गेहूं के दाने को दीवार के उस पर ले जाना चाहती थी। मूर्तिकार यह दृश्य बड़े गौर से देख रहा था। चींटी बार-बार गिरने पर भी प्रयास में लगी हुई थी। आखिरकार चींटी को सफलता मिल ही गई और वह दीवार के उस पर चली गई। यह दृश्य देख मूर्तिकार ने सोचा- जब यह छोटी-सी चींटी निरंतर प्रयास से सफलता पा सकती है तो फिर मैं सफल क्यों नहीं हो सकता। मूर्तिकार को सफलता का सूत्र मिल चुका था। मूर्तिकार फिर से राजा की मूर्ति बनाने में जुट गया। इस बार मूर्ति बिल्कुल उसकी कल्पना के अनुरूप बनी। राजा रामदत्त ने जब अपनी सजीव मूर्ति देखी तो बड़े खुश हुए।

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