Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Aug, 2023 09:03 AM
एक उतावला युवक किसी साधु के पास गया और बोला कि महाराज मुझे कम समय में ज्यादा सफलता हासिल करनी है। कोई उपाय बताएं जिससे मैं सीधे लक्ष्य पर पहुंच जाऊं। साधु ने कहा
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Inspirational Context: एक उतावला युवक किसी साधु के पास गया और बोला कि महाराज मुझे कम समय में ज्यादा सफलता हासिल करनी है। कोई उपाय बताएं जिससे मैं सीधे लक्ष्य पर पहुंच जाऊं। साधु ने कहा, “ठीक है मैं तुम्हें उपाय तो बता दूंगा, लेकिन पहले मेरा एक काम कर दो। मेरे बाग में से सबसे सुंदर फूल तोड़कर ले आओ लेकिन ध्यान रखना एक बार आगे निकल गए तो पीछे पलट कर फूल नहीं तोड़ना है।
युवक बोला, ठीक है यह तो छोटा-सा काम है। मैं अभी एक सबसे सुन्दर फूल तोड़कर ले आता हूं। युवक बाग में गया तो उसे पहला ही फूल बहुत सुंदर लगा लेकिन उसने सोचा कि आगे इससे भी अच्छे फूल होंगे। लड़का आगे बढ़ा, उसे एक से बढ़कर एक सुंदर फूल दिख रहे थे लेकिन वह अच्छे से अच्छा फूल देखने के लिए आगे बढ़ता रहा।
जब वह बाग के अंत में पहुंचा तो वहां मुरझाए हुए और बेजान फूल थे। यह देखकर लड़का निराश हो गया और खाली हाथ ही संत के पास पहुंच गया।
साधु ने उससे पूछा कि तुम फूल लेकर नहीं आए, खाली हाथ क्यों आ गए।
लड़के ने कहा कि महाराज बाग में फूल तो बहुत अच्छे-अच्छे थे, लेकिन मैं सबसे सुंदर फूल की चाहत में आगे बढ़ता रहा। अंत में सभी फूल मुरझाए हुए थे, इस वजह से मैं खाली हाथ आ गया।
साधु ने उसे समझाते हुए कहा कि हमारे जीवन में भी ऐसा ही होता है। अत: प्रारम्भ से ही काम करना शुरू कर देना चाहिए। जैसे ही अवसर मिले, उसका उपयोग कर लेना चाहिए। ज्यादा अच्छे अवसर के चक्कर में हाथ आए अवसर को नहीं छोड़ना चाहिए वरना अंत में खाली हाथ लौटना पड़ता है।