Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Apr, 2018 08:21 AM
मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान व विवेक की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस अंधकारमय जीवन से इंसान को सही राह पर ले जाने का सारा बीड़ा वीणा वादिनी सरस्वती मां के कंधों पर ही है। यह देवी मनुष्य समाज को महानतम सम्पत्ति-ज्ञानसम्पदा प्रदान करती है।
मां सरस्वती विद्या, बुद्धि, ज्ञान व विवेक की अधिष्ठात्री देवी हैं। इस अंधकारमय जीवन से इंसान को सही राह पर ले जाने का सारा बीड़ा वीणा वादिनी सरस्वती मां के कंधों पर ही है। यह देवी मनुष्य समाज को महानतम सम्पत्ति-ज्ञानसम्पदा प्रदान करती है। पुराणों में मां सरस्वती को कमल पर बैठा दिखाया जाता है। कीचड़ में खिलने वाले कमल को कीचड़ स्पर्श नहीं कर पाता। इसीलिए कमल पर विराजमान मां सरस्वती हमें यह संदेश देना चाहती हैं कि हमें चाहे कितने ही दूषित वातावरण में रहना पड़े, परंतु हमें खुद को इस तरह बनाकर रखना चाहिए कि बुराई हम पर प्रभाव न डाल सके।
सनातन धर्म में मां सरस्वती को वाणी की देवी भी कहा गया है। 24 घण्टे में एक बार वह हर व्यक्ति की जुबान पर आती हैं। इस दौरान बोला गया कोई भी वाक्य अथवा शब्द सच होता है। अक्सर घर में बड़े-बुजुर्ग कुछ भी बुरा या अपशब्द बोलने से मना करते हैं, उनका मानना होता है की कभी भी देवी सरस्वती जीभ पर बैठी हो सकती हैं। जाने-अनजाने बोली गई बात सच साबित हो जाती है। यह कोरी कल्पना नहीं बल्कि परमाणिक सत्य है। किसी के बारे में कभी न तो बुरा बोलें और न सोचें, मां सरस्वती कब जीभा पर आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।
मान्यता के अनुसार रात को 3:10 से 3:15 तक का समय सर्वोत्तम है। पांच मिनट के बीचोंबीच बोली गई कोई भी बात अवश्य सच सिद्ध होती है। एक महीने तक लगातार इसी वक्त पर अपने मन की कामना बोलें। मां सरस्वती आपकी हर इच्छा पूरी करेंगी।