Edited By Niyati Bhandari,Updated: 23 Sep, 2022 09:38 AM
प्रतिवर्ष होने वाली खगोलीय घटना के तहत 23 सितम्बर को दिन-रात बराबर होंगे। इसके बाद दिन धीरे-धीरे
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उज्जैन (वार्ता): प्रतिवर्ष होने वाली खगोलीय घटना के तहत 23 सितम्बर को दिन-रात बराबर होंगे। इसके बाद दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगेंगे।
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शासकीय जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉक्टर राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 23 सितम्बर को सूर्य विषुवत रेखा ‘सीधी रेखा’ पर लंबवत रहता है, इसे शरद संपात कहते हैं। सूर्य के विषुवत रेखा पर लंबवत होने के कारण दिन और रात बराबर अर्थात 12/12 घंटे के होते हैं।
उन्होंने बताया कि 23 सितम्बर के बाद सूर्य दक्षिणी गोलाद्र्ध एवं तुला राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के दक्षिणी गोलाद्र्ध में प्रवेश के कारण अब उत्तरी गोलाद्र्ध में दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगेंगे तथा रातें बड़ी होने लगेंगी। यह क्रम 22 दिसम्बर तक जारी रहेगा। 22 दिसम्बर को भारत सहित उत्तरी गोलार्ध में दिन सबसे छोटा तथा रात सबसे बड़ी होगी।