Edited By Prachi Sharma,Updated: 01 Nov, 2025 05:00 AM

Tulsi Vivah Upay: तुलसी विवाह का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। यह विवाह सुखद दांपत्य जीवन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यदि आपके और आपके पति के बीच...
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Tulsi Vivah Upay: तुलसी विवाह का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान शालिग्राम से कराया जाता है। यह विवाह सुखद दांपत्य जीवन और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। यदि आपके और आपके पति के बीच अनबन रहती है, छोटी-छोटी बातों पर लड़ाई-झगड़े होते हैं या वैवाहिक जीवन में मधुरता की कमी आ गई है, तो तुलसी विवाह के शुभ दिन ये सरल और श्रद्धापूर्वक किए जाने वाले उपाय आपके रिश्ते में प्रेम और शांति को पुनः स्थापित करने में सहायक हो सकते हैं।
तुलसी माता को सोलह श्रृंगार अर्पित करें
माता तुलसी को सौभाग्य और लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। उन्हें प्रसन्न करने से वैवाहिक जीवन में समृद्धि और प्रेम आता है। तुलसी विवाह के दिन, माता तुलसी को दुल्हन की तरह सजाएं। उन्हें लाल चुनरी, चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी और अन्य सोलह श्रृंगार की सामग्री श्रद्धापूर्वक अर्पित करें। यह उपाय सीधे मां लक्ष्मी और सौभाग्य को आकर्षित करता है। माना जाता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच की दूरियां कम होती हैं और संबंध में मिठास आती है।
पति-पत्नी मिलकर लें सात फेरे
तुलसी विवाह का मुख्य उद्देश्य ही विवाह के बंधन को मजबूत करना है। यह उपाय रिश्ते में समर्पण और दीर्घायु की भावना को बढ़ाता है। शाम के समय, तुलसी विवाह के अनुष्ठान के दौरान, पति और पत्नी दोनों एक साथ मिलकर तुलसी के पौधे के चारों ओर घी का दीपक जलाएं। इसके बाद, दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़कर या साथ-साथ पौधे की सात बार परिक्रमा लें। फेरे लेते समय, मन ही मन एक-दूसरे के दीर्घायु, सुख, सम्मान और मानसिक एकता की कामना करें।
शालिग्राम और तुलसी का गठबंधन
यह उपाय विवाह के बंधन को मजबूत और अटूट बनाता है, ठीक वैसे ही जैसे तुलसी और शालिग्राम का गठबंधन होता है। तुलसी विवाह के अनुष्ठान में, भगवान शालिग्राम और तुलसी के पौधे को मौली से एक-दूसरे के साथ बांधकर उनका गठबंधन करें। पूजा के बाद, इस गठबंधन के कपड़े या मौली को सुरक्षित रखें। यह गठबंधन आपके रिश्ते में भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के आशीर्वाद को लाता है, जिससे वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और सामंजस्य स्थापित होता है।

हल्दी का लेप या हल्दी मिश्रित दूध अर्पित करें
ज्योतिष में हल्दी को बृहस्पति ग्रह से जोड़ा जाता है, जो विवाह, वैवाहिक सुख और ज्ञान का कारक है। गुरु की मजबूती से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।तुलसी विवाह के दिन, स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर, भगवान शालिग्राम और तुलसी माता को हल्दी का लेप या हल्दी मिश्रित दूध अर्पित करें। इस उपाय को करने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है। गुरु का शुभ प्रभाव पति-पत्नी के बीच तर्क-वितर्क को कम करता है और समझदारी एवं धैर्य को बढ़ाता है, जिससे अनबन समाप्त होती है।
तुलसी जल का छिड़काव और घी का दीपक
यह उपाय घर से नकारात्मक ऊर्जा और कलह के माहौल को दूर करने के लिए है, जो अक्सर लड़ाई-झगड़े का कारण बनती है। तुलसी विवाह के दिन सुबह, स्नान के बाद तुलसी की 7 पत्तियां जल से भरे हुए पीतल के लोटे में डालें। शाम को पूजा के बाद, इस जल को पूरे घर में, विशेषकर झगड़े वाली जगहों पर, छिड़कें। पति-पत्नी से चल रही अनबन को दूर करने के लिए, रोजाना सुबह और शाम के समय तुलसी जी के पास शुद्ध घी का दीपक जलाएं। तुलसी विवाह के दिन यह उपाय करना विशेष फलदायी होता है।
