Vinayak Chaturthi: शुभ योग में मनाई जाएगी विनायक चतुर्थी, हर संकट का होगा अंत और सुख-सौभाग्य का आरंभ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 27 May, 2025 03:00 PM

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Vinayak Chaturthi 2025: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा का विधान है। जिससे जीवन में सुखों का आगमन होता है और हर संकट का अंत होता है। विनायक चतुर्थी 30 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस बार चतुर्थी के...

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Vinayak Chaturthi 2025: हर महीने शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा का विधान है। जिससे जीवन में सुखों का आगमन होता है और हर संकट का अंत होता है। विनायक चतुर्थी 30 मई शुक्रवार को मनाई जाएगी। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार इस बार चतुर्थी के दिन बहुत सारे मंगल योग बन रहे हैं। रूठे भाग्य को हो मनाना या बिगड़ा काम हो बनाना गणेश जी की आराधना विवेक, बुद्धि, बल और विद्या द्वारा भाग्य बदलने की शक्ति और बिगड़ी बनाने वाली मानी गई है। तभी तो किसी भी शुभ काम का आरंभ श्री गणेश को स्मरण करने से किया जाता है क्योंकि विघ्नहर्ता गणेश भाग्यविधाता कहलाते हैं।

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Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का शुभ आरंभ 29 मई की देर रात 11 बजकर 18 मिनट पर होगा। अगले दिन 30 मई की रात 09 बजकर 22 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी।

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Vinayak Chaturthi Shubh Yoga विनायक चतुर्थी शुभ योग  
विनायक चतुर्थी के दिन वृद्धि योग दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से शुरु होगा। इस योग में पूजा करने से आमदनी और समृद्धि में बढ़ौतरी होती है। सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग सुबह 05 बजकर 24 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 29 मिनट तक रहने वाला है। भद्रावास योग सुबह 10 बजकर 14 मिनट से दोपहर 03 बजकर 42 मिनट तक है। भद्रा स्वर्ग में रहेंगी।

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Vinayak Chaturthi Upay विनायक चतुर्थी उपाय
श्री गणेश जी के पूजन में किन्हीं विशिष्ट सामग्रियों को अर्पित करने का महत्व है, जो बहुत ही शुभ मानी गई हैं। उन्हीं में से एक है श्री गणेश को चोला चढ़ाना जो करता है हर संकट का अंत और सुख-सौभाग्य का आरंभ।

गणेश जी का वैदिक मंत्र बोलते हुए उन्हें सिंदूर लगा चोला चढ़ाएं-
ऊँ सिन्धोरिव प्राध्वने शूचनासो वातमप्रिय: पतयन्ति यह्ना। घृतस्य धारा अरुषो न वाजी काष्ठा भिन्दन्नूर्मिभि: पिन्वमान:।। 

फिर श्रीगणेश स्तुति करने के उपरांत आरती करें। श्री गणेश के पहने हुए सिंदूर लगे चोले से सिंदूर लेकर मस्तक पर लगाएं।

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