Edited By Niyati Bhandari,Updated: 03 Jul, 2022 08:03 AM
गणेश जी का शास्त्रीय नाम वक्रतुंड विनायक है। शास्त्रों में चतुर्थी को तिथियों की माता भी कहा गया है। चतुर्थी सहित समस्त तिथियों ने भगवान गणपति की आराधना की। इस कारण चतुर्थी ने भगवान गणेश से वरदान प्राप्त कर एवं
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Vinayaka chaturthi: गणेश जी का शास्त्रीय नाम वक्रतुंड विनायक है। शास्त्रों में चतुर्थी को तिथियों की माता भी कहा गया है। चतुर्थी सहित समस्त तिथियों ने भगवान गणपति की आराधना की। इस कारण चतुर्थी ने भगवान गणेश से वरदान प्राप्त कर एवं चतुर्थी को रात्रि में गणपति उपासना करने पर धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष की प्राप्ति के साथ वरदमूर्ति की भक्ति प्राप्ति का वरदान दिया। भगवान श्री गणेश को प्रिय चतुर्थी का व्रत न केवल विघ्नों एवं बन्धनों से मुक्ति प्रदान करता है अपितु समस्त कार्यो को सिद्ध करता है।
इस विधि से गणेश जी को करें प्रसन्न ऐसा करने से पूरी होगी हर मुराद
वैसे तो गणेश जी की प्रसन्नता के लिए हर रोज़ ये उपाय करना चाहिए। संभव न हो तो बुधवार और विनायक चतुर्थी के दिन पांच दूर्वा यानी हरी घास ये मंत्र बोलते हुए गणेश जी के सिर पर रखें। 'इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नमः' ध्यान रखें, गणेश जी के चरणों में दुर्वा नहीं रखनी चाहिए।
अपने घर में धन व सुख चाहते हैं तो आज के दिन शमी का पौधा लगाएं। संभव न हो तो कहीं से शमी के कुछ पत्ते लेकर गणेश जी को चढ़ाएं।
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गणेश जी को अक्षत यानि चावल अर्पित करें। पके हुए चावल नहीं बल्कि कच्चे चावल, जो कहीं से भी खण्डित न हों। उन्हें थोड़ा गीला करें फिर, 'इदं अक्षतम् ऊं गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करते हुए गणेश जी को चढ़ाएं।
गजानन की कृपा प्राप्त करने के लिए उन्हें लाल सिंदूर का तिलक लगाएं। उसके बाद अपने ललाट पर लगाएं। गणेश जी को सिंदूर लगाते समय ये मंत्र बोलें, 'सिन्दूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्। शुभदं कामदं चैव सिन्दूरं प्रतिगृह्यताम्॥ ओम गं गणपतये नमः'
अब अंत में गणेश जी की सबसे प्रिय चीज़ मोदक का भोग उन्हें अवश्य लगाएं।