Edited By Riya bawa,Updated: 01 Aug, 2020 04:33 PM
कोविड-19 महामारी के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर बहुत से सवाल उठ रहे है। इसी बीच सितंबर में परीक्षाएं कराने सबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिशानिर्देश जारी किए थे। यूजीसी की ओर से जारी नई गाइडलाइन्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में याचिका...
नई दिल्ली- कोविड-19 महामारी के बीच अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को लेकर बहुत से सवाल उठ रहे है। इसी बीच सितंबर में परीक्षाएं कराने सबंधी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दिशानिर्देश जारी किए थे। यूजीसी की ओर से जारी नई गाइडलाइन्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है कि यूजीसी की नई गाइडलाइन्स में स्टूडेंट्स का ख्याल नहीं रखा गया है।
नई गाइडलाइन्स में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी एग्जाम्स 30 सितंबर तक करा लें। याचिकाकर्ता की तरफ से वकील ने दलील दी कि कई विश्वविद्यालयों के पास तो परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित करने के लिए आवश्यक आईटी इंफ्रास्ट्रक्टर ही नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यूजीसी की गाइडलाइन्स में ऑफलाइन एग्जाम का भी ऑप्शन है।
यूजीसी ने कहा कि किसी को भी इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि उच्चतम न्यायालय इस मसले पर विचार कर रहा है, तो अंतिम साल और सेमेस्टर की परीक्षा पर रोक लग जाएगी। गौरतलब है कि यूजीसी ने अपने नए दिशानिर्देश 6 जुलाई को जारी किए थे। यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया। जिसमें कहा गया कि फाइनल ईयर की परीक्षाएं 30 सितंबर तक आयोजित करवाने का मकसद छात्रों का भविष्य संभालना है ताकि छात्रों की अगले साल की पढ़ाई में देरी ना हो।
अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए जारी यूजीसी गाइडलाइंस 2020 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई समाप्त हो गयी है और अगली सुनवाई 10 अगस्त 2020 को होगी। देश भर में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं 30 सितंबर 2020 तक कराने के निर्देशों का विरोध हो रहा है।
ये है गाइडलाइन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर छह जुलाई को संशोधित गाइडलाइन जारी की थी। यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर करने की बात कही गई थी।