Updated: 16 Oct, 2025 10:49 AM

दीपिका पादुकोण ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह मेटा AI को अपनी आवाज़ देने वाली पहली भारतीय बन गई हैं।
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। दीपिका पादुकोण ने इतिहास रच दिया है, क्योंकि वह मेटा AI को अपनी आवाज़ देने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। मेटा AI एक वर्चुअल असिस्टेंट है जो मेटा के इकोसिस्टम में शामिल है, जिसमें रे-बैन मेटा स्मार्ट ग्लासेस भी शामिल हैं। दीपिका अब उन ग्लोबल सेलेब्रिटीज़ की लिस्ट में शामिल हो गई हैं, जिन्होंने अपनी आवाज़ इस AI असिस्टेंट को दी है, जिनमें हॉलीवुड स्टार्स ऑक्वाफिना और जुडी डेंच का भी नाम शामिल हैं। यह साझेदारी तकनीक और संस्कृति के बीच एक मजबूत मेल दिखाती है, जिसमें दीपिका एक ऐसा पुल बनकर सामने आई हैं जो दुनिया की नई सोच और भारतीय पहचान को जोड़ता है।
मेटा ने घोषणा की है कि अब भारत में यूज़र्स मेटा AI से दीपिका की आवाज़ में बात कर सकेंगे, जो इंडियन इंग्लिश में उपलब्ध होगी। इसके साथ ही कंपनी ने पूरी तरह से हिंदी भाषा का सपोर्ट और UPI लाइट पेमेंट की सुविधा शुरू की है, जिससे यूज़र्स का अनुभव अब और ज़्यादा लोकल और पर्सनल हो गया है। हालांकि, सबसे ज्यादा ध्यान जो चीज खींच रही है, वो है दीपिका की आवाज जो गर्मजोशी से भरी, सधी हुई और एकदम जानी-पहचानी है।
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दीपिका, जो अपनी दुनियाभर में पहचान और सादगी के लिए जानी जाती हैं, अब इस डिजिटल दुनिया में सच्चाई और भावना लेकर आई हैं, जहां ज़्यादातर आवाज़ें नकली लगती हैं। उनकी आवाज़ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक इंसानियत का एहसास जोड़ती है, जिससे बात करना अब और भी अपना सा लगता है। करोड़ों लोगों के लिए दीपिका की आवाज़ में किसी काम में मदद लेना या सवाल का जवाब सुनना अब एक सुकून और जुड़ाव जैसा एहसास देता है, जो टेक्नोलॉजी में बहुत कम देखने को मिलता है।
यह पार्टनरशिप दुनिया की टेक्नोलॉजी की दुनिया में भारत की बढ़ती अहमियत को दिखाती है। दीपिका को शामिल करके, मेटा ने भारत की सांस्कृतिक ताकत और भाषाई विविधता को सम्मान दिया है। यह कदम सिर्फ सुविधा से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि एक ग्लोबल प्रोडक्ट में भारतीय पहचान और मौजूदगी को भी जगह दी जा रही है।
दीपिका के लिए यह कदम उनके प्रभाव को फिल्मों से आगे बढ़ाकर डिजिटल दुनिया तक ले जाता है। यह उनके करियर का एक और बड़ा पड़ाव है, जो उनकी वर्सेटाइलिटी, समझदारी और प्रभाव को दर्शाता है। इस पार्टनरशिप के साथ, वह सिर्फ मेटा AI की आवाज़ नहीं बनीं हैं, बल्कि उस नए दौर की पहचान भी बन गई हैं, जहां टेक्नोलॉजी में इंसानियत की झलक और भारतीयता की गर्मजोशी महसूस होती है।