Edited By Manisha,Updated: 14 Dec, 2025 12:19 PM

रवि दुबे और सरगुन मेहता इंडस्ट्री के सबसे पसंदीदा कपल्स में से एक हैं। न सिर्फ वे बेहतरीन कलाकार हैं, बल्कि बेहद सफल प्रोड्यूसर के रूप में भी अपनी मजबूत पहचान बना चुके हैं।
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। रवि दुबे और सरगुन मेहता इंडस्ट्री के सबसे पसंदीदा कपल्स में से एक हैं। न सिर्फ वे बेहतरीन कलाकार हैं, बल्कि बेहद सफल प्रोड्यूसर के रूप में भी अपनी मजबूत पहचान बना चुके हैं। और अब ऐसा लगता है कि इस जोड़ी ने अपने अगले बड़े कदम का एक खामोश संकेत दे दिया है।
हाल ही में एक इवेंट के दौरान, एक इंटरैक्टिव सेगमेंट में जब उनसे आने वाले साल के लिए अपना एजेंडा लिखने को कहा गया, तो सरगुन ने लिखा- “Announce Dreamiyata Cinema + our App.” यह पल वीडियो में साफ तौर पर कैद हो गया और उनके पीछे लगी डिजिटल स्क्रीन पर भी दिखाई दिया। पंजाबी सिनेमा में लगातार ब्लॉकबस्टर देने वाली इस जोड़ी के लिए यह छोटा-सा इशारा कई सवाल खड़े कर रहा है क्या ड्रीमियाटा अब बॉलीवुड में कदम रखने की तैयारी कर रहा है? भले ही कपल ने अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की हो, लेकिन यह विज़ुअल हिंट जरूर उनके अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी अध्याय की ओर इशारा करता है।
यह साल ड्रीमियाटा ब्रांड के विस्तार के लिहाज़ से भी बेहद अहम रहा है। प्रोड्यूसर्स के तौर पर रवि और सरगुन ने 2025 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली पंजाबी फिल्म सौखण सौखणे 2 दी, वहीं सरगुन ने खुद भी साल की दो बड़ी हिट फिल्मों सौखण सौखणे 2 और सरबला जी में अभिनय किया। उनका यूट्यूब-फर्स्ट प्लेटफॉर्म ड्रीमियाटा ड्रामा लगातार रिकॉर्ड तोड़ता रहा, जिसमें 1.1 बिलियन+ व्यूज़ और 9 बिलियन मिनट्स का वॉच टाइम दर्ज किया गया, और इसने भारत के पहले लॉन्ग-फॉर्म ओरिजिनल ड्रामा इकोसिस्टम की नींव रखी। उनका ओरिजिनल ट्रैक वे हानियां 700 मिलियन+ स्ट्रीम्स पार कर चुका है, जिससे उनकी क्रिएटिव मौजूदगी और मजबूत हुई है।
वहीं ड्रीमियाटा एंटरटेनमेंट के तहत इस कपल ने टेलीविज़न में भी अपनी सफलता को आगे बढ़ाया, जहां उड़ारियां, स्वरन घर, जुनूनियत, बदल पे पांव हैं, दालचिनी, गंगा माई की बेटियां और तू जूलियट जट्ट दी जैसे शोज़ शामिल हैं। फिल्मों से लेकर टीवी और डिजिटल स्टोरीटेलिंग तक, रवि और सरगुन ने भारत के सबसे डायनैमिक प्रोडक्शन ब्लूप्रिंट्स में से एक तैयार किया है ऐसे में ड्रीमियाटा सिनेमा का बॉलीवुड में प्रवेश करना न सिर्फ संभव, बल्कि लगभग तय सा लगता है।