कानून के तहत ‘पशु’ की श्रेणी में आता है चिकन: गुजरात सरकार

Edited By PTI News Agency,Updated: 01 Apr, 2023 09:40 AM

pti gujarat story

अहमदाबाद, 31 मार्च (भाषा) गुजरात सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को बताया कि चिकन और कुक्कुट (पोल्ट्री) की अन्य किस्में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत ''पशु'' श्रेणी में आती हैं।

अहमदाबाद, 31 मार्च (भाषा) गुजरात सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को बताया कि चिकन और कुक्कुट (पोल्ट्री) की अन्य किस्में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत 'पशु' श्रेणी में आती हैं।

इसपर चिकन की दुकानों का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील परसी कविना ने कहा कि फिर तो पोल्ट्री दुकानों को कानून का पूरी तरह से पालन करने के लिए पशु चिकित्सकों को नियुक्त किया जाना चाहिए। चिकन की इन दुकानों को नियमों का उल्लंघन करने के लिए बंद कर दिया गया था।

जनवरी में, दो एनजीओ ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसमें मांस की दुकानों पर पोल्ट्री पक्षियों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया गया था कि इन प्रतिष्ठानों में पक्षियों का अवैध रूप से वध किया जाता है।

इसके बाद उच्च न्यायालय ने अधिकारियों को बिना लाइसेंस वाली मांस बिक्री की दुकानों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। राज्य के नगर निकायों ने मांस बेचने वाली दुकानों पर छापा मारा और नियमों के उल्लंघन के लिए उनमें से कई को बंद करने का नोटिस जारी किया। इस अभियान के दौरान चिकन की कई दुकानें भी बंद रहीं।

सील की गईं इन मीट की दुकानों और चिकन की दुकानों के मालिकों ने राहत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया और न्यायमूर्ति निराल मेहता की पीठ दुकान मालिकों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

शुक्रवार को इन अर्जियों पर सुनवाई के दौरान सरकारी वकील मनीषा लवकुमार ने कहा कि अधिनियम के तहत कानून के अनुसार चिकन भी ‘पशु’ की श्रेणी में आता है।

वकील ने कहा कि मछली इसमें शामिल नहीं है क्योंकि उनका "वध" नहीं किया जाता है बल्कि केवल पानी से बाहर निकाला जाता है।

अधिवक्ता कविना ने कहा कि मांस की व्यापक परिभाषा में पोल्ट्री को शामिल करना मांस को बेचने और खाने की पुरानी प्रथा के खिलाफ है।

उन्होंने कहा कि यदि चिकन को मांस के बराबर माना जाता है, तो "चिकन दुकान मालिकों को मुहर लगाने के लिए पशु चिकित्सक नियुक्त करने की आवश्यकता होनी चाहिए (जैसे कि बूचड़खानों में होती है)।”


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!