Edited By Parveen Kumar,Updated: 15 Sep, 2025 07:42 PM

पाकिस्तान की सरकार ने एचपीवी (HPV) वैक्सीन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। देश में करीब 1 करोड़ नाबालिग लड़कियों को यह टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इस टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर को रोकना है।
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान की सरकार ने एचपीवी (HPV) वैक्सीन को लेकर एक बड़ा फैसला किया है। देश में करीब 1 करोड़ नाबालिग लड़कियों को यह टीका लगाया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस टीकाकरण अभियान का मुख्य उद्देश्य महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर को रोकना है।
क्या है एचपीवी वैक्सीन और क्यों है ज़रूरी?
एचपीवी वैक्सीन का पूरा नाम ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus) है। यह टीका गर्भाशय के सर्वाइकल कैंसर को रोकने में बेहद असरदार है। यह कैंसर खासतौर पर शादीशुदा महिलाओं में होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अगर यह टीका सही समय पर, यानी यौन गतिविधियों से पहले, दे दिया जाए तो इस बीमारी के खतरे को 90% तक कम किया जा सकता है।
पाकिस्तान में हर साल लगभग 5,000 महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित होती हैं, जिनमें से 3,000 की मौत हो जाती है। यह एक गंभीर बीमारी है, जो सिर्फ महिलाओं में ही पाई जाती है। सरकार का मानना है कि इस अभियान से इस बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद मिलेगी।
अभियान के चरण और विवाद
यह अभियान दो चरणों में चलाया जाएगा। पहले चरण में इस्लामाबाद, पंजाब, पीओके और सिंध में 9 से 14 साल की नाबालिग लड़कियों को टीका लगाया जाएगा। दूसरे चरण में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में टीकाकरण होगा।
हालांकि, इस फैसले को लेकर पाकिस्तान में बहस छिड़ गई है। पहले भी पोलियो और कोरोना जैसे टीकों को लेकर देश में बवाल हो चुका है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या लोग आसानी से इस टीके को स्वीकार करेंगे, खासकर तब जब देश के कई हिस्सों में इस तरह के अभियानों का विरोध होता रहा है।
सरकार ने फिलहाल केवल नाबालिग लड़कियों को ही टीका लगाने का फैसला किया है, क्योंकि डब्ल्यूएचओ की सलाह के अनुसार, यह टीका कम उम्र में सबसे ज़्यादा प्रभावी होता है।