Edited By Pardeep,Updated: 13 Nov, 2025 10:18 PM

2030 में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप की तैयारियों के बीच मोरक्को पर हजारों आवारा कुत्तों को मारने का गंभीर आरोप लगा है। स्पेन और पुर्तगाल के साथ संयुक्त रूप से इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी करने जा रहे मोरक्को में कथित रूप से सड़कों से “साफ-सफाई”...
इंटरनेशनल डेस्कः 2030 में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप की तैयारियों के बीच मोरक्को पर हजारों आवारा कुत्तों को मारने का गंभीर आरोप लगा है। स्पेन और पुर्तगाल के साथ संयुक्त रूप से इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी करने जा रहे मोरक्को में कथित रूप से सड़कों से “साफ-सफाई” के नाम पर जानवरों के सामूहिक कत्लेआम ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारी विवाद खड़ा कर दिया है।
एनिमल राइट्स संगठनों का दावा है कि सरकार ने सार्वजनिक सुरक्षा और शहरों को सुंदर दिखाने के नाम पर लाखों कुत्तों को मौत के घाट उतारने की गुप्त मुहिम शुरू कर दी है। ये आरोप तब लगे हैं जब देश 2030 वर्ल्ड कप के लिए तेजी से बुनियादी ढांचा तैयार कर रहा है- सड़कों की मरम्मत, नए स्टेडियमों का निर्माण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बड़े पैमाने पर क्लीन-अप ड्राइव चल रही है।
तीन मिलियन से अधिक आवारा कुत्तों पर संकट
एनिमल वेलफेयर ग्रुप्स के मुताबिक, मोरक्को में करीब तीन मिलियन (30 लाख) आवारा कुत्ते सड़कों पर घूमते हैं। सरकार इन कुत्तों को “सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरा” बताकर खत्म करने की नीति अपना रही है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, कई शहरों में आवारा कुत्तों को गोलियों से मारने, जहर देने और जीवित गड्ढों में फेंकने जैसी घटनाएं सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर रक्तरंजित तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिनमें नवजात पिल्लों को लात मारकर मार डालने जैसी निर्मम घटनाएँ शामिल हैं।
इंटरनेशनल एनिमल वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन कोलिशन (IAWPC) ने आरोप लगाया है कि “मोरक्को को जैसे ही 2030 वर्ल्ड कप का सह-मेजबान घोषित किया गया, आवारा जानवरों के प्रति सरकार का रवैया और क्रूर हो गया। अब यह स्थिति ‘कंट्रोल से बाहर’ है।”
वर्ल्ड कप से पहले बढ़ा विवाद
मोरक्को, स्पेन और पुर्तगाल के साथ 2030 फीफा वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। अफ्रीकी महाद्वीप पर यह दूसरा मौका होगा जब फुटबॉल का सबसे बड़ा टूर्नामेंट खेला जाएगा (पहला 2010 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ था)।
वर्ल्ड कप के दौरान मोरक्को के 6 शहरों रबात, कासाब्लांका, माराकेश, टंगियेर, अगादिर और फेज़ में छह सप्ताह तक मैच खेले जाएंगे।
लेकिन अब इन तैयारियों के बीच “डॉग किलिंग ड्राइव” ने पूरे आयोजन की छवि पर दाग लगा दिया है। अफ्रीका कप ऑफ नेशंस (AFCON) से पहले भी ऐसे ही आरोप लगे थे, जब सार्वजनिक सुरक्षा के नाम पर हजारों कुत्तों को मारा गया था।
अंतरराष्ट्रीय संगठनों का विरोध
PETA, World Animal Protection और Humane Society International (HSI) जैसी संस्थाओं ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि मोरक्को में यह “मानवता के खिलाफ अपराध” है। उन्होंने FIFA और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
PETA ने कहा,“FIFA को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके नाम पर किसी भी देश में निर्दोष जानवरों की हत्या न हो। खेल उत्सव मनाने का मतलब जीवन को बचाना है, खत्म करना नहीं।”
कई यूरोपीय देशों विशेषकर फ्रांस, जर्मनी और नीदरलैंड्स में रहने वाले मोरक्को के नागरिकों ने भी इस कार्रवाई के खिलाफ ऑनलाइन मुहिम शुरू की है, जिसमें हैशटैग #StopKillingDogsMorocco और #FIFABloodCup2030 ट्रेंड कर रहे हैं।
मोरक्को सरकार का जवाब
मोरक्को सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। रबात प्रशासन ने कहा कि वर्ल्ड कप से पहले जानवरों को मारने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। लंदन स्थित मोरक्को दूतावास ने बयान जारी कर कहा: “आवारा कुत्तों की हत्या का वर्ल्ड कप से कोई लेना-देना नहीं है। सरकार मानवीय तरीकों से इस समस्या का समाधान खोजने पर काम कर रही है।” सरकार ने घोषणा की है कि साल के अंत तक पांच बड़े शहरों में नए एनिमल शेल्टर (कुत्ता आश्रय गृह) बनाए जाएंगे। साथ ही ‘Catch, Neuter, Vaccinate, and Release (CNVR)’ प्रोग्राम के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाएगा। हालांकि स्थानीय पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि “सरकार सिर्फ अंतरराष्ट्रीय दबाव को शांत करने के लिए बयान दे रही है, जमीन पर हालात अब भी भयावह हैं।”