Edited By ,Updated: 01 Mar, 2017 05:24 PM

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में कथित नरसंहार को लेकर जारी किए गए एक वीडियो को लेकर हंगामा मचा हुआ है...
कांगो: कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में कथित नरसंहार को लेकर जारी किए गए एक वीडियो को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इस वीडियो में सैनिक निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं, जिसमें 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। कांगो के प्रेसिडेंट जोसेफ कबिला ने वीडियो के जांच के आदेश दे दिए हैं। हालांकि, सैनिकों द्वारा आम नागरिकों पर अत्याचार का यह पहला मामला नहीं है।
पिछले साल कांगो की राजधानी किन्हासा स्थित डोलो प्रिजन की मिलिट्री कोर्ट में 21 जवानों के खिलाफ मामला भी चल रहा है। इन सैनिकों पर 100 लड़कियों से रेप के आरोप हैं। पीसकीपिंग मिशन के तहत वहां तैनात कुछ फ्रेंच सैनिकों पर 4 लड़कियों का जानवरों के साथ जबरन सैक्स करवाने का आरोप भी है। अफ्रीकी देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में तैनात फ्रेंच और लोकल सैनिकों पर करीब 100 लड़कियों के सेक्शुअल एब्यूज का आरोप लगा है। इनमें से 3 विक्टिम्स का दावा है कि एक मिलिट्री कमांडर ने उन्हें जानवरों के साथ सैक्स करने के लिए भी मजबूर किया।
टॉर्चर के सभी मामले 2014 के हैं, जो अब सामने आए हैं। यूनाइटेड नेशन ने अर्जेंट इन्वेस्टिगेशन के आदेश दिए हैं। यू.एन. पीककीपिंग मिशन MINUSCA (यूनाइटेड नेशन्स मल्टीडाइमेंशनल इंटीग्रेटेड स्टैबलाइजेशन मिशन इन सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक) के डेलिगेशन ने बीते शनिवार को कई विक्टिम्स से बातचीत की। विक्टिम्स ने यूएन शांति सेना और लोकल फोर्सेज के खिलाफ ये आरोप लगाए हैं। इनमें फ्रांस के सैनिक भी शामिल हैं। इस इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था, लेकिन लोकल सोर्सेज ने 'एड्स फ्री वर्ल्ड कैंपेन ग्रुप' को इसकी जानकारी दे दी। ग्रुप के स्पोक्सपर्सन ने बताया कि फ्रेंच आर्मी के एक कमांडर ने मिलिट्री कैम्प में 4 लड़कियों को कपड़े उतारने पर मजबूर किया।
उन्हें जबदस्ती कुत्ते के साथ सैक्स करने को कहा गया। ये बात किसी को न बताने की धमकी देकर उन्हें 575 रुपए (5,000 सैंट्रल अफ्रीकन फ्रैंक्स) दिए गए। एक विक्टिम के मुताबिक, इस घिनौनी घटना के बाद उन्हें अपनी कम्युनिटी में काफी बेइज्जत भी किया गया। उन्हें 'फ्रेंच आर्मी का कुत्ता' कहा गया। इनमें से एक विक्टिम की बीमारी से मौत भी हो चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, विक्टिम्स में 12 से 16 साल तक की लड़कियां शामिल हैं। यू.एन. सेक्रेटरी जनरल बान की मून ने इस खुलासे को शॉकिंग बताया है। उन्होंने कहा, "हमने लोगों की रक्षा के लिए सैनिक भेजे थे, न कि उनका शोषण करने के लिए।"