Edited By Shubham Anand,Updated: 18 Dec, 2025 07:29 PM

अक्सर यह कहा जाता है कि मुस्लिम-बहुल देशों में हिंदुओं को समान अधिकार नहीं मिलते, लेकिन इंडोनेशिया इसका अपवाद है। दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम देश इंडोनेशिया में हिंदुओं को धार्मिक स्वतंत्रता, कानूनी संरक्षण और सांस्कृतिक पहचान प्राप्त है। रामायण और...
इंटरनेशनल डेस्क : अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि मुस्लिम-बहुल देशों में अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं को समान अधिकार और सुरक्षा नहीं मिलती। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि जब मुस्लिम देशों में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं, तो भारत में मुसलमानों के अधिकारों की बात नहीं होनी चाहिए। हालांकि, वैश्विक स्तर पर यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। दुनिया में कई ऐसे मुस्लिम-बहुल देश हैं, जहां हिंदू समुदाय न केवल शांति से रह रहा है, बल्कि उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक पहचान और कानूनी अधिकार भी प्राप्त हैं।
इन देशों में इंडोनेशिया का नाम सबसे ऊपर आता है, जहां हिंदुओं को सबसे ज्यादा आज़ादी और सम्मान मिलता है। इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम-बहुल देश है, लेकिन इसके बावजूद यहां हिंदू समुदाय को अपने धर्म और परंपराओं के पालन की पूरी स्वतंत्रता है।
इंडोनेशिया में हिंदुओं को कानूनी और धार्मिक संरक्षण
इंडोनेशिया में हिंदुओं के लिए अलग से कानून और संस्थाएं मौजूद हैं, जो उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकारों की रक्षा करती हैं। यहां ‘हिंदू धर्म परिषद’ (Hindu Dharma Council) कार्यरत है, जो हिंदू समुदाय के विवाह, पारिवारिक मामलों और धार्मिक गतिविधियों को नियंत्रित और संरक्षित करती है। देश की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी लगभग 1.7 प्रतिशत है, लेकिन उन्हें संवैधानिक स्तर पर मान्यता और अधिकार प्राप्त हैं।
इसी तरह मलेशिया में भी हिंदुओं की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर मानी जाती है। मलेशिया में हिंदू आबादी लगभग 6.3 प्रतिशत है और यहां भी हिंदू और मुस्लिम समुदाय आमतौर पर आपसी सौहार्द के साथ रहते हैं। दोनों देशों में धार्मिक स्थलों, त्योहारों और सांस्कृतिक गतिविधियों को लेकर हिंदुओं को पर्याप्त स्वतंत्रता दी जाती है।
रामायण-महाभारत आज भी संस्कृति का हिस्सा
इंडोनेशिया की संस्कृति में भारतीय सभ्यता की गहरी छाप देखने को मिलती है। यहां रामायण और महाभारत सिर्फ धार्मिक ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि लोककथाओं, त्योहारों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का अहम हिस्सा हैं। कठपुतली नाटकों (वेयांग कुलित) और पारंपरिक रंगमंच में रामायण और महाभारत के पात्र आज भी प्रमुख रूप से दिखाए जाते हैं। यह दर्शाता है कि हिंदू संस्कृति यहां समाज के ताने-बाने में रची-बसी है।
भारत-इंडोनेशिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध
भारत और इंडोनेशिया के संबंध हजारों साल पुराने माने जाते हैं। प्राचीन काल में भारतीय व्यापारी और नाविक इंडोनेशिया के द्वीपों तक पहुंचते थे, जिसके चलते वहां हिंदू और बौद्ध धर्म का गहरा प्रभाव पड़ा। जावा और बाली जैसे क्षेत्रों में प्राचीन हिंदू-बौद्ध साम्राज्यों की विरासत आज भी दिखाई देती है।