Edited By Tanuja,Updated: 24 Nov, 2025 07:02 PM

ढाका में कई कलाकारों ने बाउल गायक अबुल सरकार की गिरफ्तारी और माणिकगंज में उनके समर्थकों पर हुए हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। 'धार्मिक भावनाएं आहत' करने के आरोप में गिरफ्तारी हुई थी। माणिकगंज में तौहीदी जनता के हमले में चार लोग घायल हो गए।...
Dhaka: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को कई गायकों और कलाकारों ने प्रसिद्ध बाउल गायक अबुल सरकार की गिरफ्तारी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध ‘साधुगुरु भक्त और ओली-औलिया आशेकान परिषद’ के बैनर तले जाटिया प्रेस क्लब के सामने हुआ, जहाँ कलाकारों ने सरकार की तुरंत रिहाई की मांग की। अबुल सरकार, जो बांग्लादेश बाउल समिति के अध्यक्ष हैं, को 20 नवंबर को मदारीपुर में धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस गिरफ्तारी से पूरे बाउल समुदाय में आक्रोश फैल गया है।
एक दिन पहले रविवार को माणिकगंज में सरकार के समर्थक जब शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे, तभी ‘ऑल-सेक्शन आलेम-उलेमा एंड तौहीदी जनता’ नामक समूह ने भी एक समानांतर मार्च निकाला, जिसमें वे अबुल सरकार को सज़ा देने की मांग कर रहे थे। गवाहों के अनुसार, तौहीदी जनता के लोगों ने अचानक बाउल समर्थकों पर लाठियों और ईंटों से हमला कर दिया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। हिसा में चार लोग घायल हुए हैं।
घायलों को माणिकगंज जिला सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ कई को सिर पर गंभीर चोटें और टांके लगाने पड़े। माणिकगंज के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (क्राइम एंड ऑपरेशंस) एमडी अब्दुल्लाह अल मामुन ने कहा “एक समूह सज़ा की मांग कर रहा था, दूसरा रिहाई की। इसी दौरान तौहीदी जनता के कुछ लोग हमला कर बैठे। पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।”
फ्रांस स्थित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश (JMBF) ने अबुल सरकार की गिरफ्तारी को अवैध, मनगढ़ंत, और धार्मिक अपमान के झूठे आरोप करार दिया। उन्होंने तौहीदी जनता को “इस्लामी कट्टरपंथी समूह” बताते हुए उनके हमले की कड़ी निंदा की। संगठन ने कहा कि बाउल परंपरा बांग्लादेश की सबसे पुरानी सांस्कृतिक पहचान है, और इस तरह के हमले व गिरफ्तारी से सांस्कृतिक विविधता और कलाकारों की सुरक्षा पर गंभीर खतरा पैदा हो गया है।