4 साल बाद भारत आ रहे पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट, क्या हो सकता है रूट मैप?

Edited By Updated: 29 Nov, 2025 03:58 PM

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार साल बाद भारत का दौरा करेंगे। पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। ICC ने मार्च 2023 में उनके खिलाफ यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया...

इंटरनेशनल डेस्क : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन चार साल बाद भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। पुतिन 4 और 5 दिसंबर को भारत का दौरा करेंगे और 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह राजकीय दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रहा है। पिछले कुछ महीनों में भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने मार्च 2023 में यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के आरोप में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बावजूद पुतिन भारत की यात्रा कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस वारंट का भारत पर कोई कानूनी प्रभाव नहीं है और नई दिल्ली रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ कोई कार्रवाई करने के लिए बाध्य नहीं है।

ICC क्या है?
ICC का मुख्यालय निदरलैंड्स के हेग में स्थित है। यह वैश्विक अदालत दुनिया के नेताओं और अन्य व्यक्तियों पर सबसे गंभीर अंतरराष्ट्रीय अपराधों जैसे जनसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रमण के आरोपों की जांच और मुकदमा चलाने की शक्ति रखती है। ICC जरूरत पड़ने पर इन अपराधों में दोषियों पर मुकदमा भी चला सकती है।

पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
ICC की स्थापना 2002 में हुई थी। मार्च 2023 में अदालत ने पुतिन के खिलाफ यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया। हालांकि, इस वारंट के बावजूद, किसी अन्य देश में पुतिन को हिरासत में लेने की संभावना बहुत कम मानी जा रही है। रूस और यूक्रेन दोनों ही ICC के सदस्य नहीं हैं। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्रि पेस्कोव ने कहा कि रूस ICC के अधिकार क्षेत्र को मान्यता नहीं देता है। उन्होंने यह भी कहा कि अदालत के किसी भी फैसले का रूसी संघ पर कानूनी प्रभाव नहीं है।

क्या भारत बाध्य है?
ICC को दुनिया के 124 देशों ने मंजूरी दी है, लेकिन भारत इसका सदस्य नहीं है और ICC समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसलिए, भारत इस वारंट या ICC की शर्तों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है। भारत पहले भी ऐसे नेताओं की मेजबानी कर चुका है जिनके खिलाफ ICC की कार्रवाई चल रही थी। उदाहरण के तौर पर, 2015 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर हसन अल-बशीर भारत-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। वह पहले ऐसे वर्तमान राष्ट्राध्यक्ष थे जिन्हें ICC ने दारफुर में नागरिक आबादी पर हमले के आरोप में अभियुक्त ठहराया था।

पुतिन भारत किस रूट से आ सकते हैं
राष्ट्रपति पुतिन मॉस्को के शेरेमेत्येवो एयरपोर्ट से दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट तक छह संभावित मार्गों से आ सकते हैं:

रूट नंबर 1- रूस से विया तेहरान।

रूट नंबर 2- रूस से अजरबैजान के बाकु के रास्ते।

रूट नंबर 3- काबुल के रास्ते।

रूट नंबर 4- डायरेक्ट रूट।

रूट नंबर 5- उज्बेकिस्तान के ताशकंद के रास्ते।

रूट नंबर 6-  कजाखस्तान के अल्माटी से।

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